Book Title: Jain Mat Vruksha
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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(६९) धर्मदासका टोला (१) धनाजीका टोला (२) इस धनाजीका चेला भूदर, तिसका चेला रघुनाथ, तिसका चेला भीखम, तिस भीखमने संवत्, १८१८, में तेरा पंथी मुहबंधोका पंथ चलाया तीसरा लालचंद का टोला (३) रामचंदका टोला (४) मनोका टोला (५) वडापृथुराजका टोला (६) बालचंदका टोला (७) लघुपृथुराजका टोला (८) मूलचंदका टोला (९) ताराचंदका टोला (१०) प्रेमजीका टोला (११) पदार्थजीका टोला (१२) खेतशीका टोला (१३) लोकम नका टोला (१४) भवानीदासका टोला (१५) मलू कचंदका टोला (१६) पुरुषोत्तमका टोला (१७) मुकु टरायका टोला (१८) मनोहरजीका टोला (१९) गुरू साहेका टोला (२०) समर्थजीका टोला, (२१) और वाघजीका टोला (२२) .. ... (५३) श्री लक्ष्मीसागर सूरि
(५४) श्री सुमतिसाधु सूरिsifires (१५) श्री हमेविमल सूरि. इनोसे विमल शाखा
प.
(७७)
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