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___ जैन धर्म में अहिंसा जानवर लोग अपने भाई-बन्ध हैं। इनमें सिंह, बाघ इत्यादि को भी गिनता है। हम लोगों को सिंह, सर्प आदि के साथ रहना नहीं आता यह हमारी शिक्षा की त्रुटि के कारण है।'
अहिंसा का राजनैतिक रूप ( सत्याग्रह और असहयोग):
सत्याग्रह शब्द दो शब्दों-सत्य और आग्रह का मिला हुआ रूप है, इसका अर्थ हो सकता है सत्य के प्रति आग्रह । गांधीवादी विचार में इससे सिर्फ सत्य आदि धर्मों के प्रति आग्रह ही नहीं समझा जाता, बल्कि अधर्म या असत्य का सत्य के माध्यम से विरोध भी। चूंकि विरोध में हिंसा की संभावना रहती है, यह कहा गया है कि असत्य या अधर्म का विरोध तो होना चाहिए लेकिन अहिंसामय साधन से। यही सत्याग्रह है। गांधीजी ने कहा है कि इसमें (सत्याग्रह में) सत्य शक्ति है; इस शक्ति को उन्होंने प्रेम-शक्ति या आत्म शक्ति की संज्ञा भी दी है; इसमें धैर्य और सहानुभूति को स्थान मिला है, हिंसा को नहीं। अतः सत्याग्रह से मतलब होता है दूसरे की गलती को हिंसात्मक तरीके से या उसे पीडा देकर नहीं, बल्कि स्वयं धैर्यपूर्वक कष्ट सहकर तथा गलती करनेवाले के प्रति सहानुभूति और प्रेम दिखाकर सुधारना । सत्याग्रह में ऐसी बड़ी ताकत होती है कि इस पर संसार की कोई भी शक्ति विजय नहीं पा सकती। ऐसी महती शक्ति को प्राप्त करने के लिए कठिन साधना की जरूरत होती है, इसीलिए गांधीजी ने कहा था कि सत्याग्रह आश्रम में रहनेवालों को सत्य व्रत, अहिंसा व्रत, बह्मचर्य व्रत, स्वादेन्द्रियनिग्रह व्रत, अस्तेय व्रत, अपरिग्रह व्रत, स्वदेशी व्रत ( स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग ), निर्भयता व्रत तथा अस्पृश्यता व्रत का पालन करना चाहिए। गांधीजी के शब्दों में -
१. गांधीजी, अहिंसा, प्रथम भाग, खण्ड १०, पृष्ठ ६१-६२ २. यंग इंडिया, १४ जनवरी १६२०;
गांधीवाद की शवपरीक्षा- यशपाल, पृष्ठ १४२. ३. दिल्ली डायरी-मो० क० गांधी, पृष्ठ १७६. ४. वही, पृ. ४६-६३.
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