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जैन धर्म में अहिंसा जैन साहित्य का इतिहास-(पूर्वपीठिका )-पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री,
गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, काशी. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास-भाग १, लेखक-पं० वेचरदास दोशी,
सं०-६० दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल मेहता, प्र.-पा० वि०
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मोहनलाल मेहता, सं०-पं. दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल
मेहता, प्र -पा० वि शोध संस्थान, वाराणसी १६६६. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास - भाग ३ -डा. मोहनलाल मेहता, सं०-५०
दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल मेहता, प्र०-पा०वि० शोध
सस्थान, वाराणसी, १६६७. जेन साहित्य की प्रगति -पं० सुखलालजी संघवी, जैन संस्कृति संशोधन
मंडल, वाराणसी, १९५१. जैन सिद्धान्त प्रदीपिका-आ• तुलसी, अनु० -मुनि नथमलजी, आदर्श
साहित्य संघ, सरदारशहर (राजस्थान ), वि० सं० २००२. जैन सिद्धान्त बोल संग्रह-भाग १-८-संग्रहकर्ता-भैरोदान सेठिया, जैन
पारमार्थिक संस्था, बीकानेर, वी० सं० २४७१-७५. ठागांत सत्र-व्याख्याकार-अमोलक ऋषि, हैद्राबाद-सिकन्द्राबाद जैन
संघ, वीरान्द २४४६. तत्वार्थसूत्र-अनु०-मेवराजजी मुणोत, श्री रत्न प्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला,
फलोधी, वि० सं० १९८६. तत्त्वार्थसूत्र-व्याख्याकार-पं० सुखलाल संघवी, जैन संस्कृति संशोधन
मण्डल, वाराणसी, १६५२. तोसरा कर्मग्रन्थ देवेन्द्रसूरि ( हिन्दी अनुवाद सहित ), आत्मानन्द जैन
पुस्तक प्रचारकमण्डल, आगरा, १६२७. दर्शन और चिन्तन ‘खण्ड १-२ )-पं० सुखलालजी संघवी, गुजरात
विद्यासभा, अहमदाबाद, १९५७. दशवकालिकचूर्णि-जिनदासगणि, ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेता.
संस्था, रतलाम, १६३३.
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