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________________ ૨૩૪ जैन धर्म में अहिंसा जैन साहित्य का इतिहास-(पूर्वपीठिका )-पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, काशी. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास-भाग १, लेखक-पं० वेचरदास दोशी, सं०-६० दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल मेहता, प्र.-पा० वि० शोध संस्थान, वाराणसी, १९६६. .. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास-भाग २-डा. जगदीशचन्द्र जैन व डा० मोहनलाल मेहता, सं०-पं. दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल मेहता, प्र -पा० वि शोध संस्थान, वाराणसी १६६६. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास - भाग ३ -डा. मोहनलाल मेहता, सं०-५० दलसुख मालवणिया व डा. मोहनलाल मेहता, प्र०-पा०वि० शोध सस्थान, वाराणसी, १६६७. जेन साहित्य की प्रगति -पं० सुखलालजी संघवी, जैन संस्कृति संशोधन मंडल, वाराणसी, १९५१. जैन सिद्धान्त प्रदीपिका-आ• तुलसी, अनु० -मुनि नथमलजी, आदर्श साहित्य संघ, सरदारशहर (राजस्थान ), वि० सं० २००२. जैन सिद्धान्त बोल संग्रह-भाग १-८-संग्रहकर्ता-भैरोदान सेठिया, जैन पारमार्थिक संस्था, बीकानेर, वी० सं० २४७१-७५. ठागांत सत्र-व्याख्याकार-अमोलक ऋषि, हैद्राबाद-सिकन्द्राबाद जैन संघ, वीरान्द २४४६. तत्वार्थसूत्र-अनु०-मेवराजजी मुणोत, श्री रत्न प्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला, फलोधी, वि० सं० १९८६. तत्त्वार्थसूत्र-व्याख्याकार-पं० सुखलाल संघवी, जैन संस्कृति संशोधन मण्डल, वाराणसी, १६५२. तोसरा कर्मग्रन्थ देवेन्द्रसूरि ( हिन्दी अनुवाद सहित ), आत्मानन्द जैन पुस्तक प्रचारकमण्डल, आगरा, १६२७. दर्शन और चिन्तन ‘खण्ड १-२ )-पं० सुखलालजी संघवी, गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद, १९५७. दशवकालिकचूर्णि-जिनदासगणि, ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेता. संस्था, रतलाम, १६३३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002125
Book TitleJain Dharma me Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBasistha Narayan Sinha
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2002
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size13 MB
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