Book Title: Jain Dharma me Ahimsa
Author(s): Basistha Narayan Sinha
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 317
________________ २६८ जैन धर्म में अहिंसा १७५ काय कायपुण्य कायोत्सर्ग १४७ कारुण्यदान १६२ क्षति १६३ क्षुद्र १२१, २३४ १६० खस ११३ खादिर १६५ खादी २२८ खासिक १६२ २० २५१ १६२ o खेचर १७५ खेती १६२ २५०, २५८ ११३ काल कालकुमार कालातिक्रम किऊस कीति कुणिक कुरान कुलक्ष कुहण कूडसक्खिज्ज कूरकर्मा कूर्मपुराण कृतदान १६२ २१४ २१४ १६२ ४८ १६१ कृष्ण ३७ गंधहारक १६२ गवलीक गांधीजी २३५ गांधीवाद २३५, २५६ गाथापतिचोर-ग्रहणविमोक्षणन्याय १६० गालना १४६ गॉसपेल्स गीता गुणवत २१७ गुप्ति १७८, २३२ गुरुग्रन्थसाहब गोविंदसिंह गोशालक गोड़ १६२ १७८ २२४ १६७ १६२ ५ ७७ २०० केकय केवलि स्थान केशवाणिज्य केशीकुमार कोंकणक कोजिकी कौंकण क्रियावाद क्रीत क्रोच क्रोध त्याग क्षमा गौतम २०७ १०७ २३१ १६२ गौरवदान २३० घातना घृतविधि ७३, ७४ २२१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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