Book Title: Jain Dharm ki Vaignanik Adharshila Author(s): Kanti V Maradia Publisher: Parshwanath Vidyapith View full book textPage 6
________________ प्रकाशकीय 'जैन धर्म की वैज्ञानिक आधारशिला लीड्स विश्वविद्यालय, इंग्लैड़ के सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर (अब सेवानिवृत्त वरिष्ठ शोध - प्रोफेसर) एवं जैन धर्म के मर्मज्ञ डा. कांति वी. मरडिया की प्रसिद्ध अंग्रेजी पुस्तक 'साइंटिफिक फाउंडेशन आफ जैनीज्म के परिवर्धित द्वितीय संस्करण का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक में जैन धर्म की आचार-विचार सम्बन्धी मान्यताओं को वैज्ञानिक आधार प्रदान करने में आगमिक स्रोतों का सहारा लिया गया है और उन्हें चार स्वतःसिद्ध अवधारणाओं या सूत्रों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन अवधारणात्मक सूत्रों को नई भाषा एवं शब्दावली देकर उन्हें रोचक बनाया गया है। डा. मरडिया प्रस्तुत पुस्तक में वैज्ञानिक वृत्ति को प्रस्तुत कर पुस्तक की रोचकता में चार चांद लगाया है। डा. मरडिया की मूल अंग्रेजी पुस्तक पश्चिमी जगत तथा भारत में भी अत्यंत लोकप्रिय हुई है । अल्प काल में इसके तीन संस्करणों का प्रकाशन इसका प्रमाण है। हिन्दी जगत में इस पुस्तक के अनुवाद की आवश्यकता का अनुभव अनेक वर्षों से किया जा रहा था। यह प्रसन्नता की बात है कि इस पुस्तक का अनुवाद डा. एन. एल. जैन, जैन सेंटर, रीवा म. प्र. ने किया है। वे न केवल हिन्दी, अंग्रेजी व संस्कृत भाषाओं में सिद्धहस्त हैं, अपितु वे जैन धर्म से भी अच्छी तरह परिचित हैं। उनकी अनेक पुस्तकें हमारे संस्थान से प्रकाशित हुई हैं और लोकप्रिय हुई हैं। मुझे विश्वास है कि उनका अनुवाद हमारे संस्थान के प्रकाशनों को और भी अधिक गरिमा प्रदान करेगा एवं हिन्दी जगत के लिये जैन मान्यताओं को वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए उपहार सिद्ध होगा । हम डा. मरडिया के आभारी हैं कि उन्होंने हमें अपनी पुस्तक के हिंदी अनुवाद को, अनुवादक के सुझाव पर संस्थान को प्रकाशित करने का अवसर प्रदान किया। मैं संस्थान के सहायक निदेशक डा. एस. पी. पांडे तथा प्रकाशन अधिकारी डा. विजय कुमार को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने इस अनुवाद के प्रकाशन के लिये प्रशंसनीय सुझाव दिया एवं उसे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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