Book Title: Jain Dharm ke Sampraday
Author(s): Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 8
________________ संस्थान की मानद सह निदेशिका डॉ० सुषमा सिंघवी एवं पूर्व मन्त्री स्व० श्री फतहलाल जी हिंगर के प्रति में कृतज्ञता ज्ञापित करता है, "जिनको सतत प्रेरणा मुझे मिली है। मेरे शोध-प्रबन्ध के परीक्षक डा० एस० आर० भट्ट एवं डा० जे० पी० शुक्ला का भो मैं आभारी हैं, जिन्होंने इस शोध-प्रबन्ध के प्रकाशन हेतु अपने सुझाव दिये हैं। प्रस्तुत कृति मेरे पूज्य पिताजी स्व. श्री फतहलाल जो सिसोदिया की प्रेरणा का फल है / साथ ही पूज्य माताजो श्रीमती उपेन्द्र, पत्नो तृप्ति “सिसोदिया एवं पारिवारिकजनों का आशिर्वाद एवं आत्मीयतापूर्ण सहयोग मुझे मिला है, अतः इन सबका मैं कृतज्ञ हूँ। उदयपुर -सुरेश सिसोदिया 12 दिसम्बर, 1993

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