Book Title: Jain Bal Bodhak 04 Author(s): Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Sanstha View full book textPage 8
________________ . ( ३ ) ४५ वहढाला साथै - चौथीदाल ४६ इन्द्रभूति गणधर ४७ जीवके श्रसाधारण भावादि ४८ श्रीसमंतभद्राचार्य ४६ छहढाला सार्थ - पांचवींढाल ५० श्रीभट्टा कलंकदेव ५१ जीवोंके विषय भेदादि ५२ पात्र केशरी वा विद्यानन्द ५३ छहढालासार्थ - छठीढाल ५४ राखी पूर्णिमा ५५ जकड़ी (१) दौलतरामजी कृत ५६ विषयों में फसे संसारी जीवका दृष्टांत - ५७ जकड़ी ( २ ) पं० नौलतरामजीकृत ५६ सुकुमाल मुनि ५६ जकड़ी ( ३ ) भूधरदासकृत ६० श्रुत पंचमी पर्वकी उत्पत्ति ६१ जकड़ी (४) रामकृष्ण कृत ६२ सुकोशल मुनि ६३ जकड़ी ( ५ ) कविदास कृत ६४ कार्तिकेय मुनि ६५ जकड़ी ( ६ ) जिनदासकृत ' ६६ ब्रह्मगुलान्तमुनि ६७ जकड़ी (७) जिनदासकृत ષ્ટ २६० २६४ २७१ २७७ २६१ १६६ KEE ૨૦૮ ३१२ L ३१६ ३२० 33 ३३९ ३४०: ર ३४७. ३४८ ३५३ ३५६ ३५६Page Navigation
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