Book Title: Hindu Dharm Kosh
Author(s): Rajbali Pandey
Publisher: Utter Pradesh Hindi Samsthan Lakhnou

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Page 11
________________ इस प्रयास में स्वभावतः त्रुटियाँ रह गयी हैं । कोश और विश्वकोश का क्रमशः विकास और परिष्कार होता है । उनका इतिहास उत्तरोत्तर निर्मित होता रहता है। समय-समय पर विज्ञ पाठकों के सुझाव और परामर्श से ग्रन्थ में संशोधन, परिवर्तन तथा परिवर्धन के लिए प्रेरणा मिलती है। आशा है, भविष्य में यह ग्रन्थ बड़े आकार तथा प्रकार में निकल सकेगा। सम्प्रति जिस रूप में यह प्रस्तुत हो सका है, जनदेवता को समर्पित है। सचमुच कोश एक सामयिक घड़ी है । सबसे अच्छी घड़ी भी बिल्कुल ठीक समय नहीं बताती । फिर भी 'नहीं घड़ी से कोई भी घड़ी अच्छी होती है । कणकण जोड़कर यह कोश निर्मित हुआ है। जिन अतीत तथा वर्तमान के कोशकारों तथा लेखकों से इसमें सहायता मिली है, उनके प्रति अत्यन्त अनुगृहीत हूँ। जिन मित्रों ने पाण्डुलिपि तैयार करने में सहयोग किया है, उनका भी हार्दिक आभार मानता हूँ। विजया दशमी, २०२७ वि० राजबली पाण्डेय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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