Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text ________________
हिन्दी - गुजराती धातुकोश
उथल अ. देश. डगमगाना; उलट जाना. गुज. ऊथल 441
उथाप स. दे. 'उथप' 442
उस स. देश. उखाड़ना; अ. उखड़ना 443 उदक अ. देश. उछलना-कूदना छटकना 444 डदगर अ. ना. अर्धसम ( उद्गार संज्ञा; सं. उद्गार) निकलना, उभड़ना, डकार लेना 445 उदगार स. दे. 'उदगर 446
उदघट अ. सम. ( सं उदित होना 447
उद् + घट् ) प्रकट होना;
उदबास स. भव ( स. उद् + वास) किसी स्थान से हटा देना, उजाडना 448
* उदमद अ. देश. उन्मत्त होना, सुधबुध खो देना 449
उत्
*उदमान अ. देश, उन्मत्त होना 450 * उदय अ. ना. सम ( उदय संज्ञाः सं + इ; प्रा. उदय इआलें 1931 ) उदय होना. गुज. उदय संज्ञा 451 *उदर अ. देश विदिर्ण होना; (मेड़, दिवार आदि का ) कटकर अलग हो जाना; अ. उतरना 452
*उदव अ. दे. 'उदय' 453
उदस अ. भव (सं, उद् + वस्; प्रा. *उद्दस ह. भा. ) उजड़ना, उध्वस्त होना 454
* उदास (1) स. ना. सम ( उदास विशे. सं. उदास उदास होना. गुज. उदास विशे. ( 2 ) स. देश. उजाड़ना; ( बस्ता ) समेटना 455
उदिया अ. देश उद्विग्न करना 456 *उद्ध अ. देश. ऊपर उठाना, उडना 457 *उद्धर स. दे. 'उद्धार 458
उद्धार स. ना. सम ( उद्धार संज्ञा; सं. उद्धार; दे.
Jain Education International
३९
प्र. 198; व्र. ख. तु. अ.) उद्धार करना. गुज. उद्धार 459
उधक अ. दे. 'उधड़' 460
उधड़ अ. भव (सं. उद् + धृः प्रा. उद्घड विशे. दे. इआले 2009 खलना बिखरना गुज. उधेड स. 'चमडी उधेडना' 461
उधर अ. देश. संकट आदि से उद्धार पाना या मुक्त होना, स. उद्धार करना 462
के
उधरा अ. ना. देश. ( उधर अव्य. } हवा झोंके में पड़कर इधर-उधर छितराता या बिखराना; नष्ट-भ्रष्ट हो जाना 463 उधल अ. दे. 'उदर' 464 उस स. देश. बिखरना; फैलना 465
उधिया अ. ना. दश. (ऊधम संज्ञा ) ऊधम मचाना अ. उधड़ना गुज. ऊधम संज्ञा 466
उन स. देश. बुनना: अ. उनवना 467 उनच स. देश. चारपाई की बुनाहट को खींचकर कड़ा करना, ऐचना 468
उनमा अ. अर्धसम (सं. उन् + मद् ) उन्मत्त होना: बिहूवल होना 459
माथ स. अर्धसम (सं. उन्मथ ) मथना 470 अ. देश. अनुमान करना; सोचना
* उनमान 471
* उनमल स. ना. सम (सं. उन + मूल ) उखाड़ना; नष्ट करना 472
उनमे स. ना. अर्धसम उनमेख संज्ञा: सं. उन्मेष ) विकसित होना; आँख खुलना 473 अ. दे. 'उनव' झुकना; लटकना 474 *उनर अ. देश. ऊपर उठना या बढ़ना; छाना 475
*उनय
उनव अ. भव (सं. अव + नमः प्रा. ओणम्ः दें. इलें 788 ) झुकना; गिरना 476
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246