Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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हिन्दी - गुजराती धातुकोश
पिगल अ. भव (सं. प्र + गल् ; प्रा . पगलंत विशे; दे. इआलें 8468) किसी ठोस पदार्थ का गरमी पाकर तरल होना; होना. गुज. पीगळ 2753
दया आद्र
पिघर अ. दे. 'पिघल' 2754
पिघल अ. देश. ( प्र + घृ दे. इआले 8486) पिगलना. गुज. पीगळ 2755
पिचक अ. भव (सं. पिच्च् प्रा. पिच्चिय विशे;
दे. इआले 8149) फूले या उमरे हुए तल का भीतर की और दबना; सिकुड़ना 2756 पिचपिचा अ. अनु. (दे. पू. 502, मा. हि. को - 3) किसी छेद में तरल पदार्थ का पिच - पिच शब्द करते हुए रसना, घाव आदि में से पंछा निकालना 2757
पिचल स. ना. देश. (पिच्छा विशे; प्रा पिज्छल; दे. इआले 8152) कुचलना ; दे. फिसल’
2758
पिछड अ. ना. देश (* पश्च; प्रा. पच्छ संज्ञा; दे. इआले 7990) पीछे रह जाना. तुल. गुज. पाळ अव्य. 'पीछे' 2759
पिछल अ. दे. 'पिछड' पीछे हटना या मुड़ना 2760
पिछान स. देश पहचानना. गुज. पिछाण 2761 पिटापटा अ. अनु. (दे. पृ. 504, मा. हि. को-3) लाचार होकर रह जाना 2762: पिनक अ. देश. (दे. पृ. 131, दे. श. को.) अफीम के नशे में आगे की ओर झुकझुक पड़ना; ऊँघना. 2763 पिनपिना अ. अनु. देश. (दे. पृ. 131, दे. श. को. ) 'पिन - पिन' शब्द करना; बच्चे का नकिया कर और अस्पष्ट स्वर में रुक-रूक कर रोना 2764
पिपिया अ. ना. देश. ( पीप संज्ञा; *पिप प्रा. पिप्पय संज्ञा दे. इआलें 8.03 ) फोडे आदि में पीप पैदा होना; स. फोड़ा पकाना 2765
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पियरा अ. ना. भव ( सं. पीतल संज्ञा; प्रा. पीअल; दे. इआलें 8233 ) पीला होना. तुल. गुज. पीलुं विशे. 2766
पिरा अ. ना. भव (सं. पीड़ा संज्ञा; प्रा. पीड़ा; दे. इआ 8227 ) ( किसी अंग का) दर्द करना, पीड़ा अनुभव करना किसीको दुःखी देखकर दुःखी होना. तुल. गुज. पीड़ संज्ञा 2767
पिरीत अ. अर्धसम (सं. प्रीति संज्ञा ) प्रीति करना; प्रसन्न होना. तुल. गुज. प्रीत संज्ञा 2768
पिरो स. भव (सं. पार + वे; दे. इआले 7869 प्रा. पोइअ विशे; दे. पृ. 616, पा. स. म. ) सुई के छेद में धागा डालना; किसी बारीक छेद में कोई चीज़ डालना 2769
पिल अ. देश. किसी ओर वेग से प्रवृत्त होना; घुस पडना, गुज. पील 'दबाना, कुचलना ' 2770
पिलक स. देश. गिराना, ढकेलना; अ. गिरना; लुढ़कना 2771
पिलच अ. देश. दो आदमियों का भिड़ना; किसी काम में तत्पर पिलपिला अ. अनु. देश. (दे. पृ. को.) पिलपिला होना, किसी चिज़ हाथ इस प्रकार दबाना कि उसका परिवर्तित होकर बाहर निकलने लगे * पिष स. देश. पेखना 2774 पिहक अ. अनु. ( दे. पृ. 514, मा. हि. को - 3 ) कोयल, पपीछे, मोर, आदि का पी पी चहकना 2775
आपस में होना 2772 131, दे. श. को हल्के गूदा रस में 2773
पींज स. ना. भव (सं. पिञ्जा संज्ञा : *पिज् प्रा. पिंज; दे. इआले 8159) (रुई) धुनना गुज, पींज 2776 पीस. भव (सं. पा, प्रा.
पिव्, पिव; दे. इआले 8209) किसी द्रव पदार्थ को घूँट घूँट
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