Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 160
________________ हिन्दी-गुजराती धातुकोष ओर फेरा देकर लगाना; समेटना. गुज. लपेट (2) अ. ना. भव (सं. लल; दे इआले 3702 _10986) लालायित होना 3715 लफ अ. देश. (अ. व्यु. दे. पृ. 140, हि. दे. लव स. दे. 'लुन' 3716 श.) लपना; झुकना. 3703 लवक अ. दे. 'लोक' 3717 लफलफा अ. दे. 'लप' 3704 लशकार स. अनु. (दे. पृ. 566, मा. हि. कोलबझ अ. देश. (दे. पृ. 179, दे. श. को.) 4) मह से लशलश शब्द करते हुए शिकारी उलझना, फँसना 3705 कुत्ते को उत्तेजित करना 3718 लबड़ अ. ना. देश. (लबाड़ विशे.) झूठ बोलना; , ना लस (1) स. भव (सं. लम् ; प्रा. लसूः ल्हसू ; अ. लिबड़ना. तुल. गुज, लबाड विशे: लबड दे. इआले 10993) चमकना, दिखाई देना. 'लटकना 3706 गुज. लस लमक (1) अ. ना. देश. (लंबा विशे) लंबाई (2) स. देश. (*लस; दे. इआले 10994 के कारण बाल नीचे की ओर लटकना चिमकाना, सटाना. गुज. लस 'फिसलना' (2) अ. दे. 'लपक' 3707 3719 लरक अ. दे. 'लटक' 3708 लसक अ. दे. 'लस (2), 3720 लरखरा अ. दे. 'लड़खड़ा 3709 लसलसा अ. दे. 'लस (2) 3721 लाज अ. ना. वि. (लज़े संज्ञा; फा.) काँपना; लह स. भव (सं, लभू ; प्रा. लभू , लहू ; दे डर जाना.गुज. लरज 3710 इआले 10948) पाना; लाभ करना. गुज. ललक अ. भव (सं. लल् : दे. इआले 10968) लहे 'ध्यान से सुनना' 3722 . किसी चीज़ के लिए अत्यधिक उत्सुक होना; उमंग से भर जाना. गुज. लळ 'प्रेम से लहक अ. देश. हवा का चलना; लहराना 3723 उत्तेजित होना' 3711 लहकार स. अनु. उभाड़ना; कुत्ता छोड़ना 3724 ललकार स. अनु. ना. देश. (ललकार संज्ञा प्रा. लहट अ. देश. (दे. पृ. 180, दे. श. को.) लल्लक संज्ञाः दे. पृ. 723, पा. स. म. * परचना 3725 लल्लक्क; दे. इआले 10973) विपक्षीको लहर अ. दे. 'लहरा' 3726 लड़ने की चुनौती देना; उभाड़ना. गुज. ललकार संज्ञा 3712 लहरा अ, ना. भव (लहर संज्ञा; सं. लहरी; प्रा. लहरी; दे. इआले 10999) हवा के झोंके से ललच अ. देश. किसी अभिलषित वस्तु की प्राप्ति हिलना-डुलना; हवा का चलना. गुज. लहेरा के लिए उत्सुक होना; लालसा करना. गुज. 3727 ललचा 3713 लहलहा अ. दे. 'लहरा' लहलहानेवाली हरी ललसा अ. ना. भव (लालस संज्ञा; सं. लस; दे. पत्तियों से भरना; पनपना 3728 इआले 11026) -की लालसा करना. तुल. गुज. लालसा संज्ञा 3714 लहेस स. भव (सं. श्लिषुः प्रा. सिलेसूः लेसण लला (1) अ. ना. वि. (लाल संज्ञा; अर.) लाली संज्ञाः दे इलाले 12742) पलस्तर करना पकडना टिपकारी करना 3729 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246