Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 233
________________ २२० हिन्दी-गुजराती धातुकोश |शब्दे की बहुआयामी चर्चा। अर्थविज्ञान तथा समाज-संदर्भ की दृष्टि से एक गंभीर तथा रसप्रद पुस्तक । विस्तृत शब्दानुक्रमणिका के अंतर्गत धातुओं का समावेश ।] हिन्दी कोषविज्ञान का उद्भव और विकास -~~-युगेश्वर, भारतीय विद्या, वाराणसी, 1971 हिन्दी कोशां की परंपरा (लेख, 'भाषा-चिन्तन' पुस्तक में) --भोलानाथ तिवारी, स्मृति, इलाहाबाद, 1971 हिन्दी कृदन्तज रूपों का विकास -~-~-बालमुकुन्द, आनंद, वारासणी, 1968 हिन्दी क्रियाः स्वरूप और विश्लेषण ---बालमुकुन्द, आनंद, वारासणी, 1970 हिन्दी क्रियाओं का अर्थपरक अध्ययन --कृष्णगोपाल रस्तोगी, रंजना, दिल्ली, 1973 [ग्रंय के परिशिष्ट 'क' के अंतर्गत 772 क्रियाओं की सूची दी गई है। अन्य आठ परिशिष्टों की सागग्री . भी 'धातुपाट' की दृष्टि से विशिष्ट, मूल्यवान ।] हिन्दी क्रिया की कालरचना -चतुर्भुज सहाय, गवेषणा, अंक 8, 1964 हिन्दी क्रियापद -जगदेवसिंह, गवेषणा, अंक 6, 1965 हिन्दी क्रिया-संरचना - ---जयकृष्ण विद्यालंकार, गवेषणा, अंक 13, 1969 हिन्दी क्रियापदों की संरचना ___-जयकृष्ण विद्यालंकार, समन्वय, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, 1967-68 हिन्दी देशज शब्दकोश -चन्द्रप्रकाश त्यागी, लिपि, दिल्ली, 1977 [यहाँ समाविष्ट देशज धातुओं में से कुछ नये लेखकों की पुस्तकों से भी ली गई हैं ]. हिन्दी धातुक्रोश ....--मुरलीधरः श्रीवास्तव, शब्दलाक, वारासणी, 1969 लेखक की 'हिन्दी तद्भवशास्त्र' नामक पुस्तक में परिशिष्ट-2 के रूप में तद्भव-कोश दिया गया है इस पुस्तक में 1028 धातुएँ दी हैं।] हिन्दी धातुसंग्रह --ए. एफ. रुडोल्फ हानली, आगरा विश्वविद्यालय, 1956 [हिन्दी का प्रथम आधुनिक धातुकोश 1] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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