Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 238
________________ संदर्भ-सूची २२५ हिन्दी-३ हिन्दी व्याकरण --कामताप्रसाद गुरु, नागरी, काशी, 1911 हिन्दी व्याकरण और रचना -भालाशंकर व्यास, भोलानाथ तिवारी, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव; शै. अनुसंधान, दिल्ली, 1972 हिन्दी व्याकरण का इतिहास -अनन्त चौधरी, बिहार ग्रन्थ अकादमी, पटना, 1972 हिन्दी व्याकरण की रूपरेखा ज. म. दीमशित्स, राजकमल, 1966 हिन्दी शब्दानुशासन -किशोरीदास वाजपेयी, नागरी, काशी, 1958 हिन्दी-4 अपभ्रंश भाषा का अध्ययन ---रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव, भारती, दिल्ली, 1965 तुलनात्मकत पालि-प्राकृत-अपभ्रंश व्याकरण -सुकुमार सेन, लोकभारती, इलाहाबाद, 1961 [सातवे प्रकरण में धातु तथा क्रियापदों की तुलनात्मक पद्धति से सोदाहरण चर्चा है ।] पाणिनी के उत्तराधिकारी -उदयनारायण तिवारी, लोकभारती, हलाहाबाद, 1971 प्राकृत भाषा -प्रबोध बेचरदास पंडित, 1954 प्राकृत भाषाओं का व्याकरण -पिशल (अनु. हेमचन्द्र जोशी) बिहार राष्ट्रभाषा, पटना, 1958 प्राचीन भारतीय वैयाकरणों के ध्वन्यात्मक विचारों का विवेचनात्मक अध्ययन सिद्धेश्वर वर्मा (अनु. देवदत्त शर्मा), हरियाणा ग्रंथ अकादमी, चण्डीगढ़, 1973 भारतीय आर्यभाषा और हिन्दी -सुनीतिकुमारी चटर्जी, राजकमल, दिल्ली, 1942 भारतीय भाषाविज्ञान की भूमिका -सं. भोलानाथ तिवारी, तथा अन्य, नेशनल, दिल्ली, 1972 भारतीय भाषाशास्त्रीय चिन्तन -सं. विद्यानिवास मिश्र तथा अन्य, राजस्थानी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 1976 व्याकरण की दार्शनिक भूमिका -सत्यकाम वर्मा, मुंशीराम, नई दिल्ली, 1969 हिन्दी 5 आधुनिक भाषाविज्ञान --भोलानाथ तिवारी, लिपि, दिल्ली, 1978 आधुनिक भाषाविज्ञान की भूमिका -सं. मोतीलाल गुप्त तथा अन्य, राजस्थान ग्रन्थ अकादमी जयपुर, 1974 तुलनात्मक भाषाविज्ञान -पी. डी. गुणे, (अनु. भोलानाथ तिवारी) मोतीलाल, दिल्ली, 1968 ध्वनि-विज्ञान -जी. बी. धल, बिहार ग्रन्थ अकादमी, पटना, (सं. सं) 1975 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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