Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 235
________________ २२२ हिन्दी-गुजराती धातुकोश छत्तीसगढ़ी का भाषाशास्त्रीय अध्ययन -शंकर शेष, मध्यप्रदेश ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1973 [अध्याय-३ में 'क्रियापद' के अंतर्गत वर्गीगत धातुपाठ दिया गया है। कुछ तद्भव तथा अर्धतत्सम धातुओं की व्युत्पत्तियाँ दी गई हैं।] छत्तीसगढीः बोली, व्याकरण और कोश -- कान्तिकुमार, राधाकृष्ण, दिल्ली, 1959 ताजुबेकी -भोलानाथ तिवारी, नेशनल, दिल्ली, 1970 दक्खिनी हिन्दी -बाबूराम सक्सेना, हिन्हुस्तानी एकेडेमी इलाहाबाद, 1952 दक्खिनी हिन्दी का उद्भव और विकास -~~~-श्रीराम शर्मा, सम्मेलन, इलाहागद, 1964 [पुस्तक के परिशिष्ट-1 के रूप में दक्खिनी हिन्दी का धातपाठ दिया गया है। इसमें 459 धातुओं का समावेश है। पुरानी राजस्थानी -एल. पी. तेस्सितोरी (अनु. नामवरसिंह) नागरी, काशी, 1956 [अध्याय-9 में 'क्रिया' नाम से धातुचर्चा तथा क्रियाओं का व्याकरणिक परिचय है। यह अध्ययन गुजराती और मारवाडी के संदर्भ में तुलनात्मक पद्धति से किया गया है।] प्रारम्भिक अवधी का अध्ययन –विश्वनाथ त्रिपाठी, रचना, इलाहाबाद, 1972 [क्रिया' के अंतर्गत संक्षिप्त धातु चर्चा तथा क्रियापदों का वर्गीकरण है।] बिहारी सतसई का भाषावैज्ञानिक अध्ययन -रामकुमारी मिश्र, लोकभारती, इलाहाबाद, 1970 [दूसरे अध्याय के पांचवे विभाग के अंतर्गत धातु तथा क्रियापदों की रूपगत-वाक्यगत चर्चा है ।] बीकानेरी बोली भाषाशास्त्रीय अध्ययन ---रामकृष्ण व्यास, गणेशशक्ति, वीकानेर, 1974 [सातवें अध्याय में 'क्रियापद' के अंतर्गत धातुचर्चा तथा वर्गीकृत पाठ दिए गए हैं।] बुन्देली का भाषाशास्त्रीय अध्ययन --रामेश्वर प्रसाद, अग्रवाल, विश्वविद्यालय प्रकाशन, लखनऊ, 1963 ['पद-विचार' के अंतर्ग धातु तथा क्रियापदां की शास्त्रीय चर्चा उल्लेखनीय है।] भारतीय भाषाओं का भाषाशास्त्रीय अध्ययन -सं. व्रजेश्वर वर्मा, विनोद, आगरा, 1865 [इसमें मलयालम और हिन्दी की क्रियाएँ-वी. गोपीनाथन् , तथा कन्नड क्रियारूपेां की संरचना-कु. रंगमणि के लेख उल्लेखनीय हैं।] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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