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हिन्दी-गुजराती धातुकोश छत्तीसगढ़ी का भाषाशास्त्रीय अध्ययन
-शंकर शेष, मध्यप्रदेश ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1973 [अध्याय-३ में 'क्रियापद' के अंतर्गत वर्गीगत धातुपाठ दिया गया है। कुछ तद्भव तथा अर्धतत्सम
धातुओं की व्युत्पत्तियाँ दी गई हैं।] छत्तीसगढीः बोली, व्याकरण और कोश
-- कान्तिकुमार, राधाकृष्ण, दिल्ली, 1959 ताजुबेकी
-भोलानाथ तिवारी, नेशनल, दिल्ली, 1970 दक्खिनी हिन्दी
-बाबूराम सक्सेना, हिन्हुस्तानी एकेडेमी इलाहाबाद, 1952 दक्खिनी हिन्दी का उद्भव और विकास
-~~~-श्रीराम शर्मा, सम्मेलन, इलाहागद, 1964 [पुस्तक के परिशिष्ट-1 के रूप में दक्खिनी हिन्दी का धातपाठ दिया गया है। इसमें 459 धातुओं का
समावेश है। पुरानी राजस्थानी
-एल. पी. तेस्सितोरी (अनु. नामवरसिंह) नागरी, काशी, 1956 [अध्याय-9 में 'क्रिया' नाम से धातुचर्चा तथा क्रियाओं का व्याकरणिक परिचय है। यह अध्ययन गुजराती
और मारवाडी के संदर्भ में तुलनात्मक पद्धति से किया गया है।] प्रारम्भिक अवधी का अध्ययन
–विश्वनाथ त्रिपाठी, रचना, इलाहाबाद, 1972 [क्रिया' के अंतर्गत संक्षिप्त धातु चर्चा तथा क्रियापदों का वर्गीकरण है।] बिहारी सतसई का भाषावैज्ञानिक अध्ययन
-रामकुमारी मिश्र, लोकभारती, इलाहाबाद, 1970 [दूसरे अध्याय के पांचवे विभाग के अंतर्गत धातु तथा क्रियापदों की रूपगत-वाक्यगत चर्चा है ।] बीकानेरी बोली भाषाशास्त्रीय अध्ययन
---रामकृष्ण व्यास, गणेशशक्ति, वीकानेर, 1974 [सातवें अध्याय में 'क्रियापद' के अंतर्गत धातुचर्चा तथा वर्गीकृत पाठ दिए गए हैं।] बुन्देली का भाषाशास्त्रीय अध्ययन
--रामेश्वर प्रसाद, अग्रवाल, विश्वविद्यालय प्रकाशन, लखनऊ, 1963 ['पद-विचार' के अंतर्ग धातु तथा क्रियापदां की शास्त्रीय चर्चा उल्लेखनीय है।] भारतीय भाषाओं का भाषाशास्त्रीय अध्ययन
-सं. व्रजेश्वर वर्मा, विनोद, आगरा, 1865 [इसमें मलयालम और हिन्दी की क्रियाएँ-वी. गोपीनाथन् , तथा कन्नड क्रियारूपेां की संरचना-कु. रंगमणि के लेख उल्लेखनीय हैं।]
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