Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 168
________________ हिन्दी-गुजराती धातुकोश सपत अ. देश. किसी स्थान पर पहुँचना 3960 समुझ अ. दे. समझ 3974 सपना अ. ना. अर्धसम (स, स्वप्न संज्ञा) समुहा अ. ना. भव (सं. सम्मुख विशे. प्रा. स्वप्न होना; स. स्वप्न दिखाना. तुल. गुज. समुह, दे. इआले 12982) सामने आना सपनु संज्ञा 3961 या होना; सामने लाना. तुल. गुज. सामु सपर अ. दे. 'संपार' 3962 विशे. 3975 सबुना स. ना. वि. (साबुन संज्ञा; अर.) साबुन समेट स. भव (स. सम् + वेष्ट्र; दे. इआले लगाना. तुल. गुज. साबु संज्ञा 3963 13026) बटोरना; तह करके खाना. गुज. समक अ. देश. चमकना 3964 समेट 3976 समझ अ. भव (सं. सम् + बुध्ः प्रा. संबुझ् ; दे. समो अ. दे. 'समा' 3977 इआले 12959) जान लेनाः विचारना; स. सम्राज अ. सम (स. सम् + रज्) अच्छी तरह किसी बात को जान लेना. गुज. समज 3965 प्रतिष्ठित होना, विराजमान होना 3978 समद (1) अ. देश. (दे. पृ. 188, दे. श. को.) सम्हल अ. दे. 'सँभल' 3979 प्रेमपूर्वक मिलना, भेटना; स. भेट देना, सर अ. भव (स. स; प्रा. सर ; दे. इआले 13250) विवाह करना सरकना; काम चलना. गुज. सर 3980 (2) स. ना. अर्धसम (सं. सम्वाद संज्ञा) समाचार देना. तुल. गुज, संवाद 'बातचीत' सरक अ. दे. 'सर' रेंगना. गुज. सरक 3981 3966 + सरज स. ना. अर्धसम (स. सर्जन संज्ञा) सर्जन समप स. दे. 'सौंप' 3967 करना. गुज. सरज 3982 समर (1) स. दे. 'सुमिर' सरदा अ. ना. वि. (सदी संज्ञा; फा.) सरदी (2) अ. दे. 'सँवर' 3968 लगने के कारण ठंडा या शिथिल होना; स. *समर्प स. ना. सम (स. समर्पण संज्ञा) सम- ठंडा करना. तुल. गुज. शरदी संज्ञा 3983 र्पण करना. गुज. समर्प 3969 सरदिया अ. दे. 'सरदा' 3984 समा अ. भव. (सं. सम् + मा; प्रा. समा; दे. सरफरा अ. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. कोइआले 12975) भीतर आना; अटना; स. 5) व्यग्र होना. घबराना 3985 अटाना, भरना. गुज, समा अ. 3970 *सरबर अ. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. को*समाचर स. ना. सम (स. समाचरण संज्ञा) ____5) किसीकी समता करना. तुल. सरभर संज्ञा आचरण करना; अ. व्याप्त होना. तुल. गुज. 3986 समाचरण संज्ञा 3971 *समाधान स. ना. सम (स. समाधान संज्ञा) सरस अ. ना. सम (सं. सरस विशे) हरा होना, किसीका समाधान करना; सान्त्वना देना. तुल. सोहना; रसपूर्ण होना. तुल. गुज. सरस विशे गुज. समाधान संज्ञा 3972 ____3987 समार (1) स. अर्धसम (स. सम् + मृ; दे. सरसरा अ. ना. अनु. भव (सरसर; स. स; दे. इआले 12978) मारना, नष्ट करना. गुज. इआले 13257) 'सरसर' आवाज़ होना; साँप 'समार' 'मारना, काटना आदि का रेगना. गुज. सरसर संज्ञा 3988 (२) स. दे. सँवार 3973 सरसा अ. दे. 'सरस' 3989 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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