Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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हिन्दी-गुजराती धातुकोष
१३५ के लिए दौड़ना; हारकर पलायन करना. गुज. भिय अ. दे. 'भय' 3354 भाग 3341
भिर अ. दे. भिड़' 3355 भाज (1) अ. भव दे. 'भांज'
भिरम अ. दे. 'भरम' 3556 (2) स. भव (सं. भ्रज्ज् : प्रा. भज्ज् ; दे.
के भींग अ. दे. 'भीग' 3357 इआले 9583) पकाना, सेंकना 3342 भींच स. देश. कसकर खींचना; (आँख या मुँह) *भान स. ना. भव (सं. भग्न; प्रा. भग्ग: दे. इआले
इस प्रकार जोर से दबाना कि वह बहुत कुछ 9361) तोड़ना; नष्ट करना. तुल. गुज.
बंद हो जाय. तुल. गुज. भी स 'कसकर
दबाना' 3358 भाग 3343
भींज अ. दे. 'भींग' 3359 *भार स. भव (सं. भृ; दे. इआले 9463)
भीग अ. भव (सं. भि + अजू; दे इआले बोझ लादना; दबाना. गुज. भार 'गाडना,
___9500) पानी से तर होना, गीला होना. तुल. मोहक लगना' 3341
गुज. भीनु विशे गीला' 3360 भाल स. भव (सं. भल ; दे. इआले 9474) भली भाँति देखनाः तलाश करना. गुज. भाळ
भीच अ. दे. 'भींच' 3361 भार 'मोहित करना' 3345
भीज अ. दे. 'भीग 3362 भाव अ. दे. 'भा' 3346
भीन अ. देश. (भियग्न; प्रा. भग्ग; दे. इआले भाष अ. सम (स. भाष) बोलना, बातचीत 9500) भीगना; किसी चीज़ के छोटे छोटे करना. स. दे. 'भष' 3347
अंशों या कणों का किसी दूसरी चीज़ के सभी भास अ. भव (सं. भासू: प्रा. भासू ; दे. दुआले
भीतरी भागों में पहुँचकर अच्छी तरह एकरस 9481) आभास होना; चमकना. गुज. भास
होना. तुल गुज. भीनु विशे 'गीला' 3363 3348
*भीर अ. ना. देश. (भीरु विशे) भयभीत होना भिटक अ. देश. कोई अप्रिय वस्त सामने आने 5504
पर मन का उससे दूर हट जाने में प्रवृत्त अँक अ. दे. बँक' 3365 होना 3349
भुज अ. भव (स. भुजू : प्रा. भुज् ; दे. इआले भिड़ अ. देश. (भिड़ः प्रा. भिड़ दे. इआले 9579) भागना पकाना; सताना 3566 9490) टकराना, सटना. गुज भिडा-350
भुखा अ. ना. भव (भूख संज्ञा; सं. बुभुक्षा भिनक अ. अनु. देश. (*भिनः दे. इआले ___ संज्ञा; प्रा. बुभुक्खा, मुक्खा; दे. इआले
9362) मक्खियों का भिन-भिनाना; किसी 9286) भूखा होना; स. किसीको कुछ समय (गंदी) चीज़ पर मक्खियों के झुंड का बैठना ___तक भूखा रखना. तुल. गुज. भूख संज्ञा 3367 3351
भुगत अ. ना. अर्धसम सं. मुक्त विशे) भोगना; भिनभिना अ. दे. 'भिनक' 3352
अ. बीतना. गुज. भोगव 3368 भिन्ना अ. अनु. (दे. पृ. 222, मा, हि. को-4) भुतला अ. देश. रास्ता भूलकर इधर-उधर हो
दुर्गध आदि से सिर चकराना; डरकर दूर जाना; कोई चीज़ भूलने के कारण गुम हो रहना; दे. 'भिनभिना' 3353
जाना 3369
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