Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 151
________________ मनुसा मनुसा अ. दे. 'मनसा' 3437 मल्हर अ. दे. 'मल्हार' 3451 मनुहार स. ना. देश. (मनुहार संज्ञा) रुठे हुए मल्हार स. ना. सम (सं. मल्ह संज्ञा) दुलार को प्रसन्न करने का प्रयत्न करना; खुशामद करते हुए विशेषतः बच्चों को समझाना, करना 3438 चुमकारना 3452 . मन्ना अ. देश. (साँप का) फन उठाना: मन में मस स. दे. 'मसल' 3453 बहुत नाराज होना 3439 मसक स. अनु. देश. (*मषु; दे. इआले 9919 मर अ. भव (सं. मृ : प्रा. मर : दे. इआले किसी नरम चीज़ को दबाकर मलनाः समेटना 9871) जीवन-क्रिया का बंद हो जाना: अति गुज. मसळ 3454 : श्रम करना; माहित होना. गुज. मर :440 मसल अ. दे. 'मसक' 3455 मरक अ. अनु. देश. दबकर टूटना; भडकना तुल. मसिया अ. ना. सम (मांस संज्ञा) शरीर का भली गुज. मरक 'मुस्कुराना' 3441 भाँति मांस से भर जाना; स. ऐसी क्रिया मरमरा अ. अनु. देश (दे. पृ. 163; दें. श. करना जिसमें शरीर मांसल हो जाय, तुल. को.) 'मर-मर' की आवाज़ करना; डाल आदि गुज. मांसल विशे 3456 का दबकर टूटना; स. इस प्रकार दबाना कि मसूस अ. दे. 'मसोस' 3157 'मरमर' शब्द हो. तुल. गुज. मरमर सज्ञा मसोस अ. ना. वि. (अफसोस संज्ञाः फा.) 'पत्तों के हिलने की आवाज़ 3442 मन ही मन कुढ़ना; मनोवेग को रोकना 3458 मराड़ स. दे. 'मोड'. ऐंठना; मसलना. गुज. मस्ता अ. ना. वि. (मस्तान; विशे; फा.) मस्त मराड 3443 होना; स. मस्त करना. तुल. गुज. मस्त विशे *मद स. सम (स. मृद्) मर्दन करना; कुचलना 3459 गुज. मर्द 3444 मस्मसा अ. दे. 'मुस्मुसा' 3460 मल स. भव (स. मृ; प्रा. मल; दे. इआले *मह स. भव (सं. मन्यूः प्रा. महेज्जा संज्ञा; दे. 9870) मालिश करना; मरोड़ना 3445 इआले 9766) मथना 3461 मलमला स. दे. 'मल' बार-बार हलका स्पर्श महक अ. ना. अर्धसम (महक संज्ञा) महक देना. गुज. महेक, महेक 3462 - करना; (आँख, पलक आदि) बार-बार खोलना महटिया स. देश. सुनी अनसुनी करना 3463 बंद करना 3446 * मलरा स. दे. 'मल्हार' 3447 *माँख अ. दे. 'माख' 3464 माँग स. ना. भव (सं. मार्ग; प्रा. मग्ग; दे. *मलिना अ. ना. सम (सं. मलिन विशे) मैला इआले 10074) याचना करना चाहना, गुज. होना, म्लान या उदास होना; स. मैला करना. माग, माँग 3465 तुल. गुज. मलिन विशे 3448 माँच अ. भव (सं. मच्; प्रा. मच्चू दे. इआले मलोल अ. ना. वि. (मलाल संज्ञा: अर.) मन के 9710) शुरू होना; फैलना; लीन होना, गुज. किसी काम या बात के लिए दुःखी होना मच 3466 3449 माज स. भव (सं. मृज़; प्रा. मज्जू; दे. इआले मल्हप अ. देश. कुछ कहते हुए और इठलाते 10080) रगड़कर साफ करना; चमकाना. गुज. हुए चलना 3450 माज, माँज 3467 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246