Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 126
________________ हिन्दी-गुजराती धातुकोष ११३ * परीक्षा स. सम (स. परि + ईष) परीक्षा पलेट स. दे. 'लपेट' 2711 करना. तुल. गुज. परीक्षा संज्ञा 2698 पलेड़ स. देश, धक्का देना, ढकेलना 2712 परेख स. अर्धसम (सं. परि + ईक्ष ; दे. इआले पलोट स. देश. (प्रा. पलोद; दे.पृ. 572 पा. 7912) दे. 'परख' अ. प्रतीक्षा करना; पछताना स. म. * प्रलोत् प्रा. पलोट्ट; दे. इआले 2699 8770) सेवा-भाव से किसीके पैर दबाना; परेह स. देश. (दे. पृ. 128, दे. श. को.) खेत अ. लोटना. गुज. पलोट 'तालीम देकर योग्य में पानी देना 2700 बनाना' 2713 परोर स. देश. मंत्र पढ़कर फूंकना. 2701 पलोव स. दे. 'पलोट' 2714 परोस स. भव (सं. परि + विष् , प्रा. परिएस् ; पलोस स. देश. धोना; अपना काम निकालने के दे. इआले 7888) खानेवालों के सामने लिए मीठी-मीठी बाते करके किसीको अमुकूल भोजन की वस्तुएँ रखना. गुज. पीरसः परीस, करना 2715 परस 'वफादारी से सेवा करना' 2702 पल्लव अ. ना. सम (सं. पल्लव संज्ञा, दे. पल (1) अ. ना. भव (सं. पल्लव, प्रा. पल्लविअ आले 7970) पल्लवित होना; स. पल्लवित विशे; दे. इआले 7971) पल्लवित होनाः करना. तुल. गुज. पल्लव संज्ञा 2716 पुष्ट होना. गुज. पल 'पलना, जाना' पवार स. दे. 'पँवार' 2717 (2) स. देश. (दे. पृ. 128, दे, स. को.) पवेर स. देश (* प्र + कृ; दे. इआले 8449) कोई पदार्थ किसीको देना 2703 बीजों को छीटते हुए बोना 2718 पलट अ. देश. उलट जाना; लौटना. गुज. पलट पसर अ. भव (सं. प्र + सृ; प्रा. पसर: दे. बदलत्य' 2704 इआले 8825) और अधिक दूरी में व्याप्त * पलह अ. दे. 'पलुह ' 2705 होना; बढ़ना. गुज. पसर 2719 पला अ. देश. (* प्र + स्तु; दे. इआले 8876) पसा स. देश. ( * प्र + स्रु: दे. इआले 8891) गाय इत्यादि का पिन्हाना; भागना 2706 पके हुए चावल में से माँड निकालना; जलपलान स. ना. भव (सं. पल्याण संज्ञाः प्रा. युक्त पदार्थ में से जल के अंश को बहा देना पल्लाणू; दे. इआले 7966) पलान कसना. 2720 गुजः पलाण 2707 पसीज अ. भव (सं. प्र + स्विदः दे. इआले पलास स. देश. (दे. पृ. 444, मा. हि. को-3) 8896) ताप के कारण किसी ठोस चीज़ का सिल जाने के बाद जूते को छांटकर ठीक करना। 2708 ऐसी स्थिति को प्राप्त होना कि उसका जलांश पलुह अ. ना. भव (सं. पल्लव संज्ञा, प्रा. __रस रसकर बाहर निकले; खिन्न होना 2721 पल्लविअ विशे; दे. इआले. 7971) पौधे पसूज स. देश. (* प्र + सिवः दे. इआले वृक्ष आदि का पल्लवित होना; उन्नति करना 8886) कपड़ो की सिलाई में एक विशेष 2709 प्रकार के टाँके लगाना 2722 पले स. भव (सं. प्लु: प्रा. पाव: दे. आले. पस्ता अ. दे. 'पछता' 2723 9027 खेत जोतने के बाद और बोने से पहचान स. भव (सं. प्रत्यभि + ज्ञा; प्रा. पच्चपूर्व सींचना 2710 भिआणः पच्चहियाण; दे. इआले 8637 ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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