Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 129
________________ पीक कर पेट में पहुँचाना; किसी बात को सह लेना. पुरै स. दे. 'पूर' 2791 गुज. पी 2777 पुल अ. देश. (दे. पृ. 542, मा. हि. को 3) पीक अ. अनु. (दे. पृ. 514, मा. हि. को-3) चलना 2792 __पी पी शब्द करना 2778 पुलक अ. ना. सम (सं. पुलक संज्ञा) पुलकित पीच अ. दे. 'पिचक' 2779 होना. गुज. पुलक 2793 'पीट स. भव (सं. पिट्ट प्रा. पिट्ट; दे. इआले 8165) किसी वस्तु पर आघात करना, पुलपुला स. अनु. देश. (दे. पृ. 133, दे. श.को.) मारना. गुज. पीट 2780 किसी पुलपुली चीज़ को दबाना; दबाकर चुराना; पीड अ. भव (सं. पीड् ; प्रा. पीड् ; दे. इआले अ. पुलपुला होना 2794 8225) पीडा देना; दबाना. गुज. पीड *पुलह अ. दे. 'पलुह' 2795 2781 पुहत स. दे. 'पहुँच' 2796 पीन स. देश. 'पीज' 2782 पूंछ स. भव (सं.प्रछ: प्रा. पुच्छ : दे. इआले. *पौर स. दे. 'पेर' 2783 8352) किसी वस्तु के संबंध में किसी से कोई प्रश्न करना' खाज-खबर लेना. गुज. पूछ; प्रीछ पीस स. भव (सं. पिष् ; प्रा. पीस् ; दे. इआले 'समझना, पहचानना ' 2797 8142) झाडकर या दबाव पहुँचाकर किसी , कड़ी वस्तु को चूरे के रूप में बदलना; चूर्ण पूँज स. देश. (दे. पृ. 549, मा. हि. का.-3) करना. गुज. पीस 2784 नया बंदर पकड़ना 2898 पुकार स. ना. देश. (*पुक्कार; प्रा. पुक्कार् ; दे. घूग अ. भव (सं. पृ. ; पुज्ज् ; दे. इआले इआले 8246) किसीको नाम लेकर बुलाना; 8342) पूरा होना, खेल के घर में पहुंचना चिल्लाना. गुज. पुकार, पोकार 2735 गुज. पुग 2799 पुचकार स. अनु. देश. (दे. पृ. 132 दे. श. . पूछ स. दे. 'छ' 2800 को. ) ओठों से चमने का-सा शब्द उत्पन्न पूज स. सम. (स. पूज्) पत्र, पुष्प आदि समाप्त करते हुए किसीके प्रति लाड-चाव प्रगट ___ कर के देवता का आराधन करमा ; संस्कार करना. गुज. पुचकार 2786 करना. गुज. पूज 2801 पुंचार स. देश. (दे. पृ. 132, दे. श. को.) पूर स. भव (सं. पृ. ; प्रा. पूर : दे. इआले पोताना, पुचार देना. 2787 8335 पूरा करना , पूर्ति करना. गुज. पूर 2802 पुटिया स. देश. फुसला कर किसीको अनुकूल पेंड स. देश. बैंड़ना 2803 या राजी करना 2788 पेख स. भव (सं. प्र + ईक्ष ; पेक्खू ; दे. इआले पुन स. देश. (दे. पृ. 132, दे. श. को.) 8994) देखना. गुज. पेख 2804 गालियाँ देना. 2789 पेच स. ना. वि (पेच संज्ञा ; फा.) दो चीजो पुपला अ. ना. देश. (पोपला संज्ञा; *पोष्प; दे. के बीच में उसी प्रकार की कोई तीसरी चीज इआले 8402) पोपला होना; स. पोपला इस प्रकार बैठाना कि साधारणतः वह ऊपर से करना. तुल. गुज. पोपलु विशे. 'ढीला, दिखाई न पड़े. तुल. गुज. पेच संज्ञा 2805 कमजोर 2790 पेड़ स. दे. 'पेर' 2806 Jain Education International, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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