Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 143
________________ १३० ब्रिसूर बिसूर अ. देश. दुःखित होना; चुपके चुपके बीध स. ना. भव (विद्ध विशे; सं. व्याधू ; प्रा. रोना 3178 विद्ध्; दे. इआले 11139 तथा 11805) बिसेख स. अर्धसम (सं. विशेष संज्ञा) विशेष छेदना, बेधना. गुज. वींध 3197 प्रकार से वर्णन करना; निश्चित करना 3179 बीन स. 'बिन' 3198 बिस्तर स. दे. 'बिसतर' 3180 बीस स. ना. अर्धसम (सं. वेशन) शतरंज आदि बिहंड स. दे. 'बिहाड' 3181 खेलने के लिए बिसात फैलाना 3199 बिहँस अ. दे. 'बिहस 3182 *बीसर स. दे. 'बिसर' 3200 बिहड अ. दे. 'बिहर' 3183 'बिहर अ. भव (स. वि + ह; प्रा. विहर ; दे. बुक स. देश. (* बुक्क ; प्रा. बुक्का; दे. इआले ___9262) खाना; चूर्ण होना 3201 इआले 12029) विहार करना. गुज. विहर 3184 बुझ अ. देश. (* वि + झै ; प्रा. विज्झ् ; दे. बिहस अ. भव (स. वि + हम् ; दे. इआले. इआले 11701) (आग, दीपक आदि का) 12030) हँसना 3185 जलना बंद होना; शांत होना. गुज. बुझा. 3202 बिहा स. अर्धसम (सं. वि + हा) छोडना 3186 बुट अ. देश. (दे. पृ. 149, दे. श. को.) दौड़बिहाड स. भव (स. वि + खण्ड् ; दे. इआले । कर चला जाना, भागना 3203 ___ 11662) टुकड़े टुकड़े करना 3187 घुड़बुड़ा अ. अनु. भव (. बुडबड संज्ञा: दे. प्र. 'बिहार अ. दे. 'बिहर' 3168 203; हि. दे. श.) किसी पदार्थ के पानी में बिहोर अ. देश. बिछुड़ना 3189 डूबने की ध्वनि होना 3204 बीद अ. देश. (दे. पृ. 148, दे. श. को.) बुढा अ. ना. भव बढ़ा विशे; सं. वृध् ; प्रा. __ अनुमान करना; स. बी धना 3190 वृद्ध् : बूढ विशे. ; दे. इआले 12073) बीध स. दे. 'बीध' 3191 बुढ़ा होना. गज. वृध 'बढना, जाना'; वध बीग स. देश. छितराना; बिखेरना 3192 'बढना, विकसित होना' 3205 बीछ स. भव (सं. व्रश्च तथा वृष्य ; प्रा. विच्छअ . बुत अ. दे. 'बुझ' 3206 __सज्ञा; दे. इआले 12080) पसंद करना 3193 बुदबुदा अ. अनु. देश. (*बुदबुद; दे. इआले बीज स. ना. भव (सं. वीज ; प्रा. विज्जिज्ज ; 9274 तथा दे. पृ. 203, हि. दे. श.) अस्पष्ट दे. इआले 12044) बीज बोना. गुज.वींज, शब्द निकलना. तुल. गुज. बुदबुद संज्ञा 3207 बीस पंखा करना, घुमाना' 3194 बीझ (1) स. भव (सं व्यध् ; प्रा. विज्झ ; दे. बुन स. भव (सं. वे; प्रा. वुणन संज्ञा; दे. इआले 11759 तथा 11805) इआले 11773) धागे से कपड़ा बनाना; (२) अ. दे. 'बझ' 3195 कुरसी आदि की खाली जगह भरना; दे. बीत अ. ना. भव (सं. वृत् ; प्रा. वट्ट, वत्त 'बिन' गुज. वण 3208 विशे; दे. इआले 12069) गुजरना; दूर बुनक अ. अनु. (दे. पृ. 152, मा. हि. को-4) होना. गुज. वीत 3196 ढाढ मारकर जोर जोर से रोना 3209 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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