Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 80
________________ हिन्दी-गुजराती धातुकोश ६७ चपर अ. देश. आपस में खूब अच्छी तरह मिलना लेप करना; भाँपना. गुज. चर्य 1318. 1304 चरचरा अ. अनु. देश. (दे. पृ. 57, दे. श. चपरा अ ना. देश. बनाना, झुठलाना 1304 को. 2) 'चर-चर' शब्द करके टूटना, जलना चपला अ. ना. सम (सं. चपल विशे.) चप- तुल. गुज. चरचर संज्ञा; चचळ 'जलन होना' लता दिखाना; धीरे-धीरे आगे बढ़नाः स. 1319 किसीको चपल बनामा. तुल. गुज. चपल विशे. चरज अ. देश. धोखा देगा, बहकाना अनुमान 1305 करना 1320 चपेट स. ना. देश (चपेट संज्ञा ) आक्रमण करना; चरपरा अ. ना. देश. ( चरपरा विशे.) चर्राना; दबोचना 1306 घाव में खुश्की के कारण तनाव से पीड़ा होना, चपेर स. दे. 'चपेट' 1307 चटपटी वस्तु खाने पर मुँह में हलकी जलन चबक अ. अनु. देश. (दे. पृ. 57, दे. श. को.) होना. तुल. गुज. चटपटी संज्ञा 1321 .टीसना, दर्द करना 1303 चरमरा अ. ना. अनु. ( चरमर संज्ञा) 'चरमर' चबा स. भव (सं. चर्व : तुल. प्रा. चव्विय विशे. शब्द होना; 'चरमर' शब्द उत्पन्न करना 1322 दे. इआले 4711) दांतों से कुचलना, चूर करना. गुज. चाच 1309 चरी अ. अनु. देश. (अ. व्यु. दे. पृ. 114, चभोर स. ना. देश. (चभकी संज्ञा ) तरल पदार्थ हि. दे. श.-2 ) खाल में खुश्की के कारण में कोई चीज़ अच्छी तरह इबाना: गरदन से हल्का दर्द होनाः चरचर करके टूटना 1323 पकड़कर किसीको गहरे पानी में गोता देना. चल अ. भव (सं. चल् : प्रा. चल; दे. इआलें तुल. गुज. झबोळ 1310 4716) एक से दूसरी जगह जाना; चलन चमक अ. दे. 'चमक' 1311 होना. गुज. चळ; '-से दूर हटना ' तुल. चाल 1324 चमक अ. दे. ( * चम्मक्क; तुल. सं. चमत्कार सज्ञा; दे. इआले 4676) जगमगाना. प्रसिद चलक अ. दे. 'चिलक' 1325 होना; चौंकना. गुज, चमक 1312 चव अ. देश. चूना; चुआना 1326 चमचमा अ.. देश. ( • चमक, तल. सं. चमत्कार चस (1) अ. देश. मरना; ठगा जाना संज्ञाः दे. इआले 4676) चमकनाः स. चम- (2) अ. ना. देश. (चाशनी सज्ञाः दे. . काना. तुल. गुज. चमचम 'जलन' 1313 पृ. 223, मा. हि. को -2) दो चीज़ों का चमट स. दे. 'चिमट' 1314 आपस में चिपक जाना: कपड़े आदि का खिंचने पर मसक जाना. गुज.' चस; चसक चब स. समा (सं. चि) चयन करना 1314 1327 का भव (सं. चर : प्रा. चर; दे. इआले चहक (1) अ. अनु. देश. (* चहक्क; दे. 15 4686) पशुओं का मैदान या खेत में घास इआलें 4731) जलना आदि खाना. गुज. चर 316 (2) अ. वि. ( चहचह संज्ञाः फा. दे. *चरक अ. दे. 'चिटक' 1317 पृ. 190, हि. दे. श.) चिडियों का चहचहाना चरच स. अर्धसम (सं. चर्य ) चंदन आदि का गुज. चहेक 13.8 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246