Book Title: Hindi Gujarati Dhatukosha
Author(s): Raghuvir Chaudhari, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 122
________________ हिन्दी गुजराती धातुकोष नुक अ. दे. 'लुक' 2570 न्हेर स. दे. 'निहार' 2590 नुका स. देश. (दे. पृ. 319, मा. हि. को-3) पंघला स. देश. (दे. पृ. 123, दे. श. को.) खुरपी से निराना; स. लुकाना 2571 फुसलाना, बहलाना 2591 नुखर अ. देश. (दे. पृ. 319, मा. हि. को-3) पँज अ. दे. 'पाँज'; बरतनों में जोड़ या टाँक __ भालू का चित लेटना 2572 __ लगाना 2592 नुच स. भव (स. लुम्च् प्रा. लुच् : दे. इआले पंजर अ. दे. 'पजर ' 2593 11074) नख से उखाडना, खरोंचना, अ. पँवार स. भव (स. प्र + वृ; दे. इआले 8898) नोचा जाना 2573 तैरना. थाह लेना, फेकना 2594 नुन स. भव (स.ल ; प्रा. लुण; दे. इआले पँसिया स. ना. भव (पाँसा सज्ञा, स. पाशक) 11082) तैयार फसल को काटना. गुज, लण पाँसा फेकना, पासे से मारना 2595 2574 पइठ अ. दे. 'पैठ' 2596 नुहर अ. दे. 'निहुर' 2575 पइस अ. दे. 'पैठ' 2597 नैउत स. दे. 'न्योत' 2576 पक अ. भव (सं. पक्; प्रा. पक्क विशे; दे. नेठ अ. दे. 'नाठ' 2577 नेरा अ. दे. 'नियरा' 2578 इआले 7621) अनाज आदि का पकने की नेवत स. दे. 'न्योत' 2579 अवस्था तक पहुँचना, फल आदि का पकना. *नेवर अ. देश. निवारण होना, दूर होना; स. गुज. पाक 'फल, घाव आदि का पकना' 2598 निवारण करना 2580 पकड स. देश. (* पक्कड़; दे. इआले 7616) नेवाज स. दे. 'निवाज' 2581 किसी वस्तु को इस ढंग से हाथ में लेना कि नैस स. देश. नष्ट करना 2582 वह इधर-उधर न हो सके; गलती करने या नोक अ. ना. वि. (नेोक संज्ञा; फा.) अनुराग, बहकने से रोकना. गुज. पकड 2599 लोभ आदि के कारण आगे की ओर बढना पकर स. दे. 'पकड' 2600 2583 पकस अ. अनु. ( दे. पृ. 350, मा. हि. को-3) ऊमस या गभी की अधिकता के कारण किसी नोच स. दे. 'नुच' 2584 चीज़ का सडने लगना 2601 नोव स. दे. 'नाद' 2585 पखार स. दे. 'पखाल' 2602 नौ अ. भव (स. नम् ; प्रा. णम् , ण्णवू ; दे. पखाल स. भव (स.प्र + क्षाल ; प्रा. पक्खाल, इआले 6959) नत होना; नम्र होना. गुज. पच्छालू ; दे. इआले 8456) पानी से धोना. नम 2586 गुज. पखाळ 2603 नौत स. दे. 'न्योत' 2587 पगला अ. ना. सम (स. पागल विशे.) पागल न्योत स. ना. भव (न्योता सज्ञा; * निमन्त्र; होना; स. पागल करना. तुल. गुज. पागल स. नि + मन्त्रः दे. इआले 7233 ) उत्सव विशे. 2604 के लिए निमंत्रित करना. तुल. गुज. नोतरु पगार स. देश. (दे. पृ. 124, दे. श.को.) संज्ञा 'न्योता 2588 फैलाना: पैरों से मिट्टी को रौंदकर गारा न्हा अ. दे. 'नहा' 2589 बनाना 2605 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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