Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai Author(s): Gyansundarmuni Publisher: Ratnaprabhakar Gyan PushpmalaPage 10
________________ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। जयमलजी, रुघनाथजी, रतनचंदजी आदि साधुओं ने भी नहीं की थी। हाल ही में आपने क्या मूर्ति पूजा शास्त्रोक्त है। नामक छोटा सा ट्रेक्ट मुद्रित करवा के वित्तीर्ण किया है उसमें न तो कोई प्रमाणिक बात है और न आपकी किल दृष्टि से निहार रहे हैं इसको मुझे लिखने की आवश्यकता नहीं है । आपना बीलाडा में मूर्ति की निन्दा की पर जब मूर्तिपूजक सामने आये तो वहां से पलायन ही करना पड़ा यह आपकी विद्वत्ता का नमूना है ऐसे व्यक्ति के लिये कुछ लिखना मानो उसको उत्तेजना देना है। जैन समाज में विद्वान लेखकों का अभाव नहीं है । मिथ्या कुतर्को और कुयुक्तियों का युक्ति और प्रमाण द्वारा प्रतिकार करनेवालों की भी कमी नहीं है, पर इस युग में खण्डन मण्डनात्मक साहित्य प्रचार करने में क्लेश कुसम्प और अशान्ति के सिवाय कोई भी लाभ नहीं दीखता है तथापि भद्रिक जनता ऐसी कुतर्को को पढकर सद्धर्म से पतित न बनजाय एवं उनकी रक्षा के लिये बहुत सज्जनों की आग्रहPage Navigation
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