Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai Author(s): Gyansundarmuni Publisher: Ratnaprabhakar Gyan PushpmalaPage 81
________________ ८० हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । २. सुहाए - सुख का कारण ३. रकमाए - कल्याण का कारण ४. निस्सेसाए - मोक्ष का कारण ५. अनुगमिताए - भवोभव में साथ इसी प्रकार आचारांग सूत्र में संयम पालने का फल भी पूर्वोक्त पांचो पाठ से यावत् मोक्ष प्राप्त होना बतलाया है । इस पर साधारण बुद्धिवाला भी विचार कर सकता है कि वन्दन पूजन और संयम का फल यावत् मोक्ष होना सूत्रों में बतलाया हैं जिसमें वंदन और संयम को मानना और पूजा को नहीं मानना सिवाय अभिनिवेश के और क्या हो सकता है। प्रश्न ५७ : यह तो केवल फल बतलाया पर किसी श्रावक ने प्रतिमा पूजी हो तो ३२ सूत्रों का मूल पाठ बतलाओ? उत्तर : ज्ञाता सूत्र के १६वें अध्ययन में महासती द्रौपदीजी ने सत्तरह प्रकार से पूजा की ऐसा मूल पाठ हैं।Page Navigation
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