Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai
Author(s): Gyansundarmuni
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

Previous | Next

Page 91
________________ ୧୦ हाँ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । अनर्थ में ही व्यय होता है । अर्थात् आय व्यय दोनों कर्म बन्धन के कारण हैं । इस हालत में वह द्रव्य यदि मंदिर बनाने में लगाया जाय तो सुख एवं कल्याण का कारण होता है । क्योंकि एक मनुष्य के बनाये हुए मंदिर से हजारों लाखों मनुष्य कल्याण प्राप्त करते हैं । जैसे आबु आदि मंदिरों का लाभ अनेक विदेशी तक भी लेते हैं । 1 २. हमेशा मंदिर जाकर पूजा करनेवाला अन्याय, पाप और अधिकृत्य करने से डरता रहता है । कारण उसके संस्कार ही वेसे हो जाते हैं । ३. मंदिर जाने का नियम है तो वह मनुष्य प्रतिदिन थोडा बहुत समय निकाल वहां जा अवश्य प्रभु के गुणों का ग़ान करता है और स्वान्तःकरण को शुद्ध बनाता है । ४. हंमेशा मंदिर जानेवाले के घर से थोडा बहुत द्रव्य शुभ क्षेत्र में अवश्य जाता हैं, जिससे शुभ कर्मो का संचय होता है। ५. मंदिर जाकर पूजा करनेवालों का चित्त निर्मल और

Loading...

Page Navigation
1 ... 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98