Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai Author(s): Gyansundarmuni Publisher: Ratnaprabhakar Gyan PushpmalaPage 24
________________ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । बंभीए लिवीए' कहकर स्थापना सूत्र (ज्ञान) को नमस्कार किया है । मूर्ति अरिहन्तों का स्थापना निक्षेप है और सूत्र अरिहंतो की वाणी की स्थापना है, एवं ये दोनों वन्दनिक तथा पूजनिक हैं। प्रश्न ५ : महावीर तो एक ही तीर्थंकर हुए हैं पर आपने (मूर्तिपूजकों ने) तो ग्राम ग्राम में मूर्तियां स्थापन कर अनेक महावीर कर दिये हैं। ... उत्तर : यह अनभिज्ञता का सवाल है कि महावीर एक ही हुए परन्तु भूतकाल में महावीर नाम के अनन्त तीर्थंकर हो गये हैं। इसलिये उनकी जितनी मूर्तियाँ स्थापित हों उतनी ही थोडी है। यदि आपकी मान्यता यही है कि महावीर एक हुए है तो आपने पन्ने पन्ने पर महावीर की स्थापना कर उन्हें शिर पर क्यों लाद रखा है ? मन्दिरों में मूर्ति महावीर का स्थापना निक्षेप हैं और पन्नो पर जो ‘महावीर' ये अक्षर लिखे हैं ये भी स्थापना निक्षेप हैं, इसमें कोई अंतर नहीं है । तबPage Navigation
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