Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai Author(s): Gyansundarmuni Publisher: Ratnaprabhakar Gyan PushpmalaPage 44
________________ ४३ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । किस व्रत में है। यदि कहो कि यह तो सम्यक्त्व के लक्षण है तो मूर्तिपूजा भी समकित कों निर्मल करनेवाली व्रतो की माता है । मूर्तिपूजा का फल यावत् मोक्ष बतलाया है तब व्रतों का फल यावत् बारहवां देवलोक (स्वर्ग) ही बतलाया है और समकित बिना व्रतों की किमत भी नहीं है । जैन मूर्ति नहीं माननेवाले लोग मांस मदिरादि भक्षक, भैरु भवानी यक्षादिदेव और परिपैगम्बर आदि देवों को वन्दन पूजन कर सिर झुकाते हैं, यही उनकी अधिकता है । प्रश्न २८ : पत्थर की गाय की पूजा करें तो क्या वह दूध दे सकती ? यदि नहीं तो फिर पाषाणमूर्ति कैसे मोक्ष दे सकती है ? उत्तर : हाँ ! जैसे मूर्ति मोक्ष का कारण है वैसे ही पत्थर की गाय भी दूध का कारण हो सकती है जैसे किसी मनुष्य ने पत्थर की गाय देखी उससे उसको असली गाय का भान जरुर हो गया कि गाय इस शकल की होती है, फिर वहPage Navigation
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