Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai
Author(s): Gyansundarmuni
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । ४७ उत्तर : आप अपने पूज्यजी को वन्दना करते हो परन्तु उनके गृहस्थावस्था के माता पिता जिन्होंने उनका शरीर गढा है उनको वन्दना क्यों नहीं करते हो ? पूज्यजी से तो उनको पैदा करनेवाले आपके मतानुसार अधिक ही होंगे। प्रश्न ३२ : मूर्ति सिलावट के यहां रहती है तब तक आप उसे नहीं पूजते और मन्दिर में प्रतिष्ठित होने के बाद उसे पूजते हो इसका क्या हेतु है ? उत्तर : आप वैरागी को दीक्षा देते हैं दीक्षा लेने के पूर्व तो उसे कोई वन्दना नहीं करता और दीक्षा लेने के बाद उसी वक्त वन्दना करने लग जाते हो तो क्या दीक्षा आकाश में घूमती थी, जो एकदम वैरागी के शरीर में घुस गई कि वह वन्दनीक बन गया? उनको (वैरागी) तो सामायिक का पाठ सुनाया जाता हैं इससे वे वन्दनीय हो जाते है ? इसी तरह मूर्ति की भी मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा की जाती

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98