Book Title: Haa Murti Pooja Shastrokta Hai Author(s): Gyansundarmuni Publisher: Ratnaprabhakar Gyan PushpmalaPage 16
________________ १५ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। आनंद दो, तो क्या फोटु आनंद दे सकता है ? ३१ जब आप मूर्ति को पूजते हो तब मूर्ति के बनाने वाले को क्यों नहीं पूजते ? ३२ मूर्ति सिलावट के यहां रहती है तब तक आप उसे नहीं पूजते और मन्दिर में प्रतिष्ठित होने के बाद उसे पूजते हो इसका क्या हेतु है ? ३३ सिलावट के घर पर रही नई मूर्ति की आप आशातना नहीं टालते और मन्दिर में आने पर उसकी आशातना टालते हो। इसका क्या कारण है ? ३४ पाषाण मूर्ति तो एकेन्द्रिय होती है उसकी, पंचेन्द्रिय मनुष्य पूजन करके क्या लाभ उठा सकते हैं ? ३५ मंदिर तो बारहवर्षी दुष्काल में बने हैं, अतः यह प्रवृत्ति नई है ? ३६ यह भी सुना जाता है कि मंदिर मार्गियों ने मंदिरों में ___ धामधूम और आरम्भ बहुत बढा दिया, इस हालत में हम लोगों ने मंदिरों को बिलकुल छोड दिया ? ३७ यदि मंदिर, मूर्ति, शास्त्र एवं इतिहास प्रमाणों सेPage Navigation
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