Book Title: Gyansuryodaya Natak
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 5
________________ मोह-पुरुषके कुमतिकाम-स्त्रीसे उत्पन्न हुए क्रोध-पुत्र । रति-कामकी स्त्री। हिंसा-क्रोधकी स्त्री। राग द्वेष-लोभके पुत्र । कलि-मोहका मंत्री। दंभ- मोह राजाके अहंकार-सुभट । विलास-मोहका दूत । बुद्धागमा याज्ञिक.(मीमासक)। नैयायिकब्रह्माद्वैत (वेदान्त) बुद्धादि धर्मोके श्वेताम्बर- अनुयायी। कापालिक वैष्णवइनके सिवाय विद्यार्थी, श्राविका, ध्यान, दासियां, द्वारपाल, सामन्तादि।

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