Book Title: Gyansuryodaya Natak
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 4
________________ नाटकपात्र । सूत्रधार-नाटकाचार्य । नटी-सूत्रधारकी स्त्री। प्रवोध-प्रधाननायक । अष्टशती-प्रबोधकी स्त्री (श्रीभकलकमत न्यायग्रन्य देवा गमकी टीका) विवेक-प्रबोधका भाई। मति-विवेककी स्त्री। परीक्षा-प्रबोधकी वहिन । 'पुरुष (आत्मा)-प्रबोधादिका पिता। उपदेश-प्रबोधका गुप्तचर । सम्यक्त्व-प्रबोधका मत्री । न्याय-प्रबोधका दूत । दया-प्रवोधकी दूसरी स्त्री। क्षमा ठयाकी माता। शान्ति-दयाकी छोटी वहिन । मैत्री-सर्व जीवोंकी हितकारिणी। वाग्देवी-सरखती देवी। अनुप्रेक्षा-अनित्यादि बारह प्रकार । मन-वैराग्यका पिता। संकल्प-मनका सहचर। वैराग्य-मनका पुत्र ।

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