Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 27
________________ 1 संपत्ति माने जाते थे और जिन जंगलों से किसानों को अपनी खेती करने के लिए मदद में आने वाली तमाम तरह की चीजें मिलती थी। उन जंगलों का अंग्रेजों की सरकार ने सत्यानाश करवाया। एक और तरीका अंग्रेजों ने अपनाया इस देश के किसानों को खेती को बर्बाद करने के लिए। 1865 के साल में अंग्रेजों ने एक कानून बनाया इस देश में । उस कानून का नाम था 'इंन्डियन फॉरेस्ट एक्ट' और यह कानून लागू हुआ 1872 और आज भी यह कानून सारे देश में चलता है। इंन्डियन फॉरेस्ट एक्ट का कानून अंग्रेजों की सरकार ने इसलिए बनाया था कि इस कानून के बनने से पहले जो जंगल होते थे वो गाँव की संपत्ति माने जाते थे। तो गाँव के किसानों की सामुदायिक हिस्सेदारी जंगलों पर होती थी। अंग्रेजों ने क्या किया कि जो जंगल गाँव समाज की संपत्ति होते थे । जो जंगल गाँव के किसानों की संपत्ति होते थे । उन जंगलों को अंग्रेजी सरकार की संपत्ति घोषित करवा दिया। कानून बना के और उसी कानून का नाम 'है' इंन्डियन फॉरेस्ट अॅक्ट'। फिर अंग्रेजों ने उस कानून को कितनी सख्ती से लागू करवाया कि अंग्रेजों की सरकार के जो ठेकेदार होते थे वो जंगल कटवाते थे । जंगल से लकड़िया लेके जाते थे । और भारत का कोई भी किसान अगर जंगल में जाकर लकड़ी काट लाए तो उसको सजा दी जाती थी। तो भारत का किसान, भारत का आदमी जंगल से लकड़ी काट नहीं सकता। अंग्रेजों ने कानून बना दिया और अंग्रेजों की सरकार जो थी उनके जो ठेकेदार होते थे वो जंगल से लकड़ी कटवाते थे। 1 तो जंगल के जंगल साफ करवाना शुरु किया अंग्रेजों की सरकार ने इस कानून के आधार पर और जंगल खत्म होते गए तो फिर किसानों का क्या नुकसान हुआ । आप जानते हैं जंगल खत्म होते चले जाने के कारण जो मिट्टी का जमाव होता है पेड़ों के आस-पास वो मिट्टी का जमाव छूटने लगता है। अब मिट्टी का जमाव जब छुटने लगता है तो वो मिट्टी बहने लगती है । और मिट्टी बहने लगती है तो नदियों में जाती है। नालों में जाती है । लहरो में चली जाती है । और मिट्टी बह - बहकर जब नदियों में बढ़ती चली जाती है तो नदियों का स्थर ऊँचा होता चला जाता है। नदियों की गहराई कम होती चली जाती है। लगातार मिट्टी बह बहकर अगर पानी के साथ आयेगी। पहले जंगल होते थे। पेड़ होते थे। तो पेड़ मिट्टी को बांध के रखता तो बारीश के समय मिट्टी बह नहीं सकती जंगल से । लेकिन पेड़ काट लिए जायेंगे। तो पेड़ों के आस-पास जो जमा की गयी जो मिट्टी है। वो बहना शुरू हो जायेगी और वो मिट्टी पानी के साथ बहकर नदी में जायेगी । और नदियों में जायेगी तो नदियों का । स्वदेशी कृषि २६

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