Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 46
________________ शास्त्रीजी ने अपील की हमें सम्मान के साथ रहना है। भले ही एक समय कम खाना पड़े। अपमान के साथ हमको किसी का कुछ भी नहीं लेना, तो राष्ट्र के सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने जब करोड़ों लोगों से अपील की तो करोड़ों लोगों ने उस बात का स्वागत किया। और वो समय ऐसा समय था कि जब आप जानते हैं कि पाकिस्तान के साथ हमारा युद्ध चल रहा था 1965 के साल में। और पाकिस्तान के साथ जो युद्ध चल रहा था। आप जानते हैं युद्ध में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा जाती है। खर्चे बहुत बढ़ जाते हैं सरकार के। तो ऐसी स्थिति में भी शास्त्रीजी ने अमेरिका से मदद लेना बंद करवा दिया। इतने स्वाभिमानी आदमी थे। और उसके बाद शास्त्रीजी ने ऐसा नियम बना दिया था कि- मैं देश में कोशिश करूँगा कि गेहूँ का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा बढ़े। हमें परदेश से गेहूँ ना खरीदना पड़े और भारत के किसानों का गेहूँ का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्होंने कई तरह की योजनाएं चलाई। और उसका नतीजा यह निकला कि आज भारत गेहूँ उत्पादन में पूरी तरह से स्वावलम्बी है। ___ हमको जितने गेहूँ की जरुरत पड़ती है उतना गेहूँ इस देश में पैदा होता है। यह लाल बहादुर शास्त्री द्वारा बनायी गई योजना का परिणाम है। और शास्त्रीजी ने जब योजना बनाई थी। तो ध्यान रखिए उसके पीछे एक तर्क था कि हम परदेशी गेहँ नहीं खरीदेंगे। परदेशी अनाज नहीं खरीदेगें। हमारे पास अगर अनाज की कमी है तो कम खायेगें लेकिन परदेशों से बिलकुल नहीं खरीदेगें यह उनकी योजना थी। उस आधार पर भारत ने अनाज का उत्पादन बढ़ाया और आज इस देश में बीस करोड़ टन अनाज पैदा होता है। आजादी जब मिली इस देश को तो सिर्फ साड़े चार करोड़ टन अनाज पैदा होता था। आज आजादी के पचास साल के बाद बीस करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ। पाँच गुणा उत्पादन इस देश के किसानों ने बढ़ाया तो वो उस तरह की नीतियों का परिणाम है। और आज हम स्वावलम्बी हैं। लेकिन अब क्या होगा ? गैट करार लागू हो गया है और तब से हमको यह कानून अपना बदलना पड़ेगा। यह नियम बदलना पड़ेगा। और नियम कैसे बदलना पड़ेगा। गैट करार में खेती से सम्बन्धित जो नियम दिये गए हैं। उनमें एक ऐसा नियम है जिसमें यह कहा गया है के हर साल हमको जबरदस्ती बाहर से अनाज खरीदना ही पड़ेगा। हमें उसकी जरुरत हो या ना हो कितना खरीदना पड़ेगा और कैसे खरीदना पड़ेगा। उसके लिए जो नियम इसमें लिखा गया है गैट करार में। वो में आपको पढ़कर सुनाना चाहता हूँ। ऍग्रीमेन्ट ऑन, ऍग्रीकल्चर में पेज नं. 23 पर एनेक्चर नं. 5 है। उस एनेक्चर में पॅराग्राफ नं. 5 है जो यह बात कहता है कि हमारे जैसे देशों को जबरदस्ती हर साल बाहर से अनाज खरीदना ही पड़ेगा। चाहे उसकी स्वदेशी कृषि ४५

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