Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 71
________________ खत्म होती है। तो कभी-भी कपास के बाद कपासमत लगाइये। कोई दूसरी फसल लगाइये। उसके बाद फिर जरुरत पड़े तो कपास लगाइये। तो ऐसे अपनी खेती में विविधता लाइये। यहविविधता इस तरहसे लाइये कि देश में दलहन का और तिलहन का उत्पादन लगातार बढ़े जो लगातार कम होता जा रहा है। दालों का उत्पादन बहुत कम हो गया है इस देश में। तिलहन का उत्पादन बहुत कम हो गया है। माने जितनी तेजी से हमारी आबादी बढ़ी है। और आबादी की जरूरतें बढ़ी हैं। उतनी तेजी से दालों का उत्पादन नहीं बढ़ा। जितनी तेजी से हमारी आबादी बढ़ी है। उतनी तेजी से हमारे यहाँ तिलहन का उत्पादन नहीं बढ़ा। तो अभी भारत के किसानों को बहुत गंभीरता के साथ इस दिशा में यह सोचना पड़ेगा और इसकी कार्य योजना बनानी पड़ेगी कि हम हमारे देश में दलहन का उत्पादन; दालों का उत्पादन कैसे बढ़ायें? क्योंकि दाल भारतीय भोजन में सबसे आवश्यक तत्व है। दाल खाने से आपके सभी तरह के पोषक तत्व की पूर्ति होती है। सब्जी खाने में बहुत बार पोषक तत्व नहीं मिलते। लेकिन दाल खाने से सभी तरह के पोषक तत्व की पूर्ति हो जाती हैशरीर को। तो दलहन का उत्पादन कैसे बढ़े? दालों का उत्पादन कैसे बढ़े? और तिलहन उत्पादन इसलिए बढ़ाना पड़ेगा; क्योंकि आपको खाद्य तेल चाहिए, खाने के लिए तेल चाहिए, तो दलहन और तिलहन का उत्पादन कैसे ज्यादा से ज्यादा बढ़े? और मोनोकल्चर में से हमारी खेती कैसे बाहर निकले? कपास के अलावा और भी सारी फसलें है उन सारी फसलों का हम हमारी खेती में प्रयोग करें। और उन फसलों को लगायें। - आप जानते हैं बहुत बार किसान यह कहते हैं कि कपास कॅशक्रॉप है। लेकिन कपास के साथ-साथ मूंग भी कॅशक्रॉप है, उड़द भी कॅशक्रॉप है, तुवर की दाल भी कॅशक्रॉप है इसका भी तो पैसा मिलता है। ऐसा थोड़ी है कि इसका पैसा नहीं मिलता। बल्कि कपास का पैसा तीन महीने बाद मिलेगा, छः महीने बाद मिलेगा, कभी सालभर बाद भी मिलेगा। उड़द की दाल कोजाकेले आइये। सबेरे बेचिए शाम को पैसा ले आइये। शक्कर की मिलें बन्द हो जाती है। फिर आपके पैसे लटक जाते है। और जो सोसायटी होती हैं वो बैंक की तरफ हो जाती है। वो पैसा दे नहीं पाती। फिर किसान अपना गन्ना जलाते है खेत में पड़े-पड़े। तो इस तरह से अपनी खेती को विविधता में लाइये। एकरुपता वाली खेती करना बन्द करिए। बदलते चले जाइये यहाँ आप सब किसान हैं। समझदार हैं। आपको ज्ञान है। आपको जानकारियाँ हैं कि कौन सी फसल के बाद कौन सी फसल लेनी चाहिए। जिससे खेती बरकरार ७० ... स्वदेशी कृषि

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