Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 100
________________ हमारे पास आ जाती है। सींग सिलिका प्रकाश संश्लेषण क्रिया में वृद्धि करके मजबूत पौधे बनाता है, पौधों की वृद्धि तथा बीज निर्माण क्रिया में गति आती है। इसका मुख्य असर पत्तों पर होता है। इसके लिए आवश्यक है कि पौधों की जड़ों को मजबूत करने वाले नुस्खे 500 का उपयोग पहले किया जाए, तभी उसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकेगा। चूर्ण बनाने की विधि-- सींग सिलिका चूर्ण बनाने के लिए सर्वप्रथम रवेदार चकमक पत्थर का चयन करें। ध्यान में रहे इस पत्थर में रवेदार अंश का ही उपयोग करें। धूल, मिट्टी व अन्य अशुद्धियों को साफ पानी से धोयें तथा उसे अच्छी तरह सुखा लें। इस चकमक पत्थर को लोहे के खलबते अथवा लोहे के हथौड़े से फोड़-फोड़कर बारीक चूरा करें। इसे बारीक आटा छानने की छननी से छान लें। अब इस चूर्ण को दो कांच के बीच में रखकर पीसें, जिससे कि यह अत्यंत महीन हो जायेगा। जब तक चेहरे पर लगाने जैसा पाऊडर नहीं हो जाये तब तक इसे पीसते रहें। इस महीन चूर्ण को एक थाली में लेकर उसमें वर्षा या कुएंका पानी मिलाकर रोटी के आटे जैसा तैयार कर लें। इसको सींगकेखोल में भरकर घंटे दो घंटे खड़ा रखें, ताकि उसमें का अतिरिक्त पानी ऊपर आ जाये। इस पानी को फेंक दें। इन सींगों के नुस्खा पाँच सौ बनाते वक्त जैसा गाड़ा था, वैसा ही गाड़ दें। इन सींगों को जमीन में गाड़ने का समय वही होता है। जो नुस्खा 500 सींगों के निकालने का होता है। सामान्यतः मार्च माह में चंद्र दक्षिणायन में रहे तब सींग सिलिका चूर्ण बनाने के लिए जमीन में गाड़े। भारतीय पंचाग अनुसार चैत्र के नवरात्रि में इन्हें गाड़ें व कुवार के नवरात्रि में निकालें। एक साफ कागज के ऊपर सींग को हलके से ठोकें तो अंदर से सिलिका चूर्ण बाहर आ जायेगा। इसे धूप में सुखा लें तथा कांच की बरनी में भर लेंव एक खिड़की जिसमें धूप आती हो रखें। नुस्खा 501 को कभी अंधेरे में नही रखें। सींग सिलिका चूर्ण के उपयोग की विधि -- केवल एक ग्राम सींग सीलीका का खाद एक एकड़ के लिए पर्याप्त है। एक ग्राम नुस्खा 501, तेरह लीटर पानी में मिलायें। ध्यान रहे पानी बारिश का अथवा कुएं का ही हो। नुस्खा क्रमांक 500 के अनुसार ही पानी में सीधे व उल्टी भंवर पैदा करें। इस तरह इस मिश्रण को एक घंटे तक घुमायें। इस नुस्खे की बारीक फुहार या धुंध का रूप प्राप्त करने के लिए सबसे छोटे छेद वाला नोजल अपने स्प्रेयर में लगायें। स्प्रेयर को अच्छी तरह धेकर साफ कर लें, फिर उसमें इस मिश्रण को स्वदेशी कृषि


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