Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 107
________________ पर अंडी का तेल उसपर दोनों ओर लगायें। सफेद माक्खी कीट इसमें चिपक जायेंगे। वह पूरा कीटों से पट जाने पर उसे झोकर फिट अंडी का तेल लगाकर पत्ता , खड़ा करें। एक एकड़ में पाँच जगह पत्ते काफी हैं। प्रकृति निर्मित मित्र-- प्रकृति अपना संतुलन बनाये रखती है। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटक प्राणियों का नियमन करने वाले कीटक-प्राणी भी आगे आते हैं - जैसे मेंढक, बतख-बगुले, सांप अन्य पछी-- इनकी हम रक्षा करें। किसान प्रयोगशील बनें गोमूत्र में बेल, महानिम, तुलसी, नीम, सीताफल बेशरम, गाजर गवत की पत्तियां पंद्रह बीस दिन रखने पर उनका दवा जैसा उपयोग होता है। चक्रव्यूह में फंसा किसान रासायनिक खादों के कारण फसल तुरन्त बढ़ने से पौधे नाजुक कमजोर होने से बीमारी का तेज हमला होता है। उसे हटाने के लिये महंगी-रासायनिक दवायें छिड़कने से अनाज विषाक्त होता है। इन दवाओं के आदि बन गये रोगाणु को नष्ट करने के लिये और अधिक विषैली और अधिक महंगी दवाओं का इस्तेमाल करने से मनुष्य में बीमारी और जमीन का स्तर गिरते जाना ऐसा दुष्टचक्र शुरू होता है। परिवार के लिये दवा और फसल के लिये दवा और.खाद आदि खर्चे का बोझ असह्य होने पर स्वयम् किसान जहरीली दवा पीकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। घर में गाय और खेत पर नीम का पेड़ किसान के ये दो मुक्तिदाता हैं। गाय दूध देगी बैल व खाद दवा देगा। नीम का पेड़ हर तरह की दवा के काम आयेगा। इन दोनों की मदद से किसान परिवार रोगमुक्त शतायु बनने के रास्ते पर कदम बढ़ा सकता है। स्वायत्त समृद्ध जिंदगी जी सकता है। कीटनाशक बनाने की कुछ अन्य देशी विधियाँ कपास की खेती के लिये 1) कपास की खेती में लगने वाले कीड़ों के लिये एक किलोग्राम नीम की निम्बोली, सौ ग्राम सोडा (कपड़ा धेनेवाला) और 50 ग्राम लहसुन का रस-तीनों को स्वदेशी कृषि

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