Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 73
________________ का अभियान पूरे देश में चले । आमले के पेड़ लगे, उसका पूरे देश में अभियान चले । इमली के पेड़ लगे, उसका पूरे देश में अभियान चले। बरगद के पेड़ लगे, पीपल के पेड़ लगे, उसका अभियान पूरे देश में चले । जो पेड़ किसानों के अच्छे मित्र हैं उनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हमको करनी ही होगी और यह काम आप अपने से शुरु करें। अपने घर से शुरु करिए । कैसे कर सकते है? मैं बहुत बार लोगों को अपील करता हूँ अपने व्याख्यान में कि हम एक काम कर सकते हैं अपने घर के बच्चों के जन्मदिन पर एक नीम का पेड़ लगा सकते है, अपने घर के किसी बच्चे के जन्मदिन पर आमले का पेड़ लगा सकते है। अपने घर के बच्चे के जन्मदिन पर एक पीपल का पेड़ लगा सकते है । और हर व्यक्ति अपने बच्चे के जन्मदिन पर या अपने जन्मदिन पर एक नीम का पेड़, एक पीपल का पेड़, एक आँवले का पेड़ या एक बरगद का पेड़ लगाना शुरू कर दें। तो इस देश में 98 करोड़ पेड़ हर साल लग सकते है। क्योंकि हमारी आबादी 98 करोड़ की है। अगर 98 करोड़ पेड़ हर साल लगाते है। तो 5-10 साल में इस देश में जंगल खड़ा हो जायेगा। जो जंगल का सत्यानाश किया है अंग्रेजों ने; जिस जंगल का सत्यानाश किया गया 'इंडियन फॉरेस्ट ऍक्ट, के आधार पर और जिन जंगलो का सत्यानाश किया जा रहा है आजादी के पचास साल के बाद; वो जंगल हमको फिर से खड़े करने होंगे। क्योंकि जंगल किसानों को बहुत कुछ देते हैं। वनों से उपज तो मिलती ही है, और लकड़ी भी मिलती है जो खेती किसानों के बहुत काम आती है। तो हमको जंगलों के लगाने का बहुत बड़े पैमाने पर अभियान चलाना होगा । और मुझे लगता है कि पूरे देश के विद्यार्थियों को इस काम में लगाना चाहिए। पूरे देश के स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को एक शिक्षा बचपन से देनी चाहिए कि हर जन्मदिन पर एक पेड़ लगाओ। तो यह एक संस्कार बन जायेगा इस देश में। और एक व्यक्ति अगर पचास साल भी जिन्दा रहे, तो एक व्यक्ति पचास पेड़ लगा के जायेगा | 98 करोड़ लोग अपनी आयु जब पूरी करेगें, पीढ़ी जब जवान हो कर मरेगी तो हर पीढ़ी कम से कम पचास पेड़ लगा के जायेगी । तो 98 करोड़ गुणा पचास । अर्थात एक-एक पीढ़ी में करोड़ों-करोड़ों पेड़ लगते चले जायेगें। और जंगल बनते चले जायेगें। जिस तरह से जंगलों का सत्यानाश हुआ है। उन जंगलों को फिर से खड़ा करना पड़ेगा । उनको सघन बनाना पड़ेगा। इसका फायदा क्या होगा? जंगल बढ़ते चले जायेगें। पेड़ों की संख्या बढ़ती चली जायेगी। तो मिट्टी का कटाव रुक जायेगा । और मिट्टी का कटाव रुकेगा तो बारिश के समय में यह जो मिट्टी बहकर आती है । और नदियों में चली जाती है। और नदियों की गहराई कम होती चली जाती है। और नदियों की गहराई कम होने से बाढ़ आ जाती है। पानी 1 स्वदेशी कृषि ७२

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