Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 81
________________ 4. सेंद्रिय खाद से भूमि को उर्वरा बनाने वाले जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है, उनके क्रिया-कलापों से जमीन की जुताई होती है जिससे हवा-पानी-प्रकाश का भूमि में प्रवेश होने से प्रदूषणकारी तत्व मिट जाते हैं। भूमिके तापक्रम-आर्द्रता में संतुलन बना रहता है कृषि भूमि मुलायम-भुरभुरी बनती है।रासायनिक खाद कृषि-मित्र जीवाणुओं की हत्या करते है। भूमि को कठिन-कड़ी बनाते हैं। उसमें क्षार या अम्ल दोष बढ़ाते हैं। 5. सेंद्रिय खाद से कम बारिश हुई तो भी आर्द्रता बनी रहती है।अधिक बारिश हुई तो अतिरिक्त पानी की निकासी करने में सहायक होता है। रासायनिक खाद डालने पर कम बारिश हुई तो फसल सूख जाती है, अधिक बारिश होने पर पानी में घुलकर वह बह जाती है। रासायनिक खाद पर उगाई फसल को पानी की अधिक मात्रा लगती है। 6. सेंद्रिय खाद से भूमि चलनी जैसी सछिद्र बनकर-मिट्टी छोटे-छोटे कणों में बंध जाती है। जिससे हवा से उड़ जाने या पानी से बह जाने पर रोक लगती है। यह गुण रासायनिक खाद में नहीं है। 7. सेंद्रिय खाद लगातार तीन फसलों के लिये काम आती है। रासायनिक खाद केवल एक फसल तक ही सीमित रहती है। 8. सेंद्रिय खाद हम अपने ही गाँव में अपने ही खेत पर खेती के वस्तुओं से और अपने पशुओं के गोबर-गोमूत्रा से बना सकते हैं। रासायनिक खाद बाहर से आने से हम परावलंबी बनते हैं। पैसा किसान के घर से-गाँव से बाहर चले जाने से गाँव गरीब और किसान बेकार बनते हैं। १. लगातार सेंद्रिय खाद इस्तेमाल करने पर फसलों में बीमारियां कम आती हैं, और बीमारियां वनौषधियों से हटाई जा सकती हैं, जबकि रासायनिक खाद बीमारियों को बढ़ाता है और खर्चीली रासायनिक दवाओं के कारण किसान की कमर टूट जाती है। 10. सेंद्रिय खाद बनाने से सफाई होकर गाँव-शहर-स्वच्छ सुंदर दिखते हैं। साथ-साथ बीमारियों पर अकुंश लगता है। रासायनिक खाद से उत्पन्न बीमारियां हटाने के लिये जहरीली रसायनिक दवायें छिड़कने से भूमि-हवा-जल- अनाज प्रदूषित होकर तरह-तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। 11. सेंद्रिय खाद से निर्मित अनाज, साग, सब्जी, फल - मधुर, पुष्टिकर, काफी समय तक ताजगी भरे रहते हैं। उनका संग्रह अकाल में काम ८० स्वदेशी कृषि

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