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मिट्टी से की जा सकती है। मजबूती के लिये सिर्फ आखिरी रहा सीमेंट में जोड़िये। हौदी का तल फर्श-ईंट पत्थर बिछाकर पक्का करें। हौदी बांधते समय चारों दीवारों में छेद रखें जाते हैं। ईंटों की हर दो रद्दों की जुड़ाई के बाद तीसरे रद्दे की जुड़ाई करते समय हर एक ईंट की जुड़ाई के बाद सात इंच का छेद छोड़कर जुड़ाई करें।इस प्रकार चारों दीवारों में छेद के मध्य में दूसरी लाईन के छेद आयें और दूसरी लाईन के दो छेदों के मध्य में तीसरी लाईन के छेद आयें। हौदी का चित्रा--
12 फीट
हौदी की भराई- 12-5-3'- हौदी भराई के लिये 1400 किलो कचरा, 90 किलो गोबर, 1600 किलो महीन मिट्टी जिसमें पत्थर, कांच, प्लास्टिक आदि न हो और मौसम के अनुसार 1500 से 2000 लीटर पानी। इतनी चीजें इकट्ठा होने पर ही हौदी की भराई करें। अड़तालीस घंटे के भीतर यह काम पूरा करें।
भराई की पद्धति
हौदी की भराई शुरू करते समय प्रथम नीचे की जमीन (फश) पर और हौदी की अंदर की दीवारों को पानी और गोबर के घोल से गीला करें। इसके बाद छः इंच इतनी ऊंचाई आने तक कचरा सूखा हो तो उसे पूरा भिगो कर हौदी में समतल बिछा देने पर उस पर पाँच किलो गोबर-पानी में मिलाकर वह घोल कचरे पर छिड़क दें। बाद में उस पर वह ढंक जाय इतनी मिट्टी समतल बिछा दें। इस प्रथम परत जैसी ही क्रिया हौदी पूरी भरने तक परत-दर-परत करते जायें। करीब नौ या दस परतों के बाद हौदी भर जायेगी। तब हौदी के ऊपर भी डेढ़ फुट तक इसी क्रम से भराई करें। ऊपर की भराई करते समय ऊपर के हिस्से को झोपड़ीनुमा बनायें।
सावधनी- नॉडेप कंपोस्ट पक्व होने में पहली भराई की तारीख से 90 से 120 दिन लगते हैं।
हौदी पूरी भरने के बाद उसे गोबर - मिट्टी के तीन इंच गारे से उसकी लिपाई करके उसे सील करें। पंद्रह-बीस दिन बाद कचरा सिकुड़कर नीचे बैठने लगेगा, तब फिर ऊपर की गोबर-मिट्टी की परत हटाकर फिर वहाँ कचरा-गोबरघोल
___ स्वदेशी कृषि