Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 61
________________ खेती की मिट्टी बर्बाद हो जाती है,खराब हो जाती है। मिट्टी की जो नमी है, मिट्टी की जो मुलायमियत है, मिट्टी में जो नर्मी है वो सब खत्म हो जाती है लगातार ट्रैक्टर चलाते-चलाते। इसी तरहसे लगातार रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर-कर के खेत का सत्यानाश हो जाता है, मिट्टी का सत्यानाश हो जाता है लगातार केमिकल्स पैस्टीसाइड का इस्तेमाल करते-करते। आप जानते हैं हमारे देश में हजारों एकड़ जमीन बर्बाद हो गई। जहाँ पर भयंकर तरीके से रासायनिक खाद इस्तेमाल किया जाता था, भयंकर तरीके से रासायनिक खाद के साथ-साथ रासायनिक दवा इस्तेमाल की जाती थी। आप जाइये देखकर आइये पंजाब में,आप जाइये देखकर आइये हरियाणा में, आप कभी चलिए मैं आपको दिखाता हूँ मेरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। जितने इलाकों में भारत में ज्यादा से ज्यादा रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया गया है। उन सब इलाकों की हजारों एकड़ जमीन बंजर होती चली जा रही है, अभी उसमें कुछ नहीं होता, सब चौपट हो रहा है। एक जमाने में ऐसा लगता था कि रासायनिक कीटनाशक डालकर, रासायनिक खाद डालकर खेती का उत्पादन बढ़ा दिया जायेगा। लेकिन आज स्थिति ऐसी आ गई है कि उत्पादन बढ़ नहीं रहा है बल्कि लगातार कम होता चला जा रहा है। हमारे देश में एक बहुत बड़ा रिसर्च संस्थान है जिसका नाम है इंडियन काउन्सलर ऑफ ऍग्रीकल्चर रिसर्च (आय. सी. ए.)'इसके वैज्ञानिकों की अभी जो स्टडीज हो रही है, वो बिल्कुल साफ-साफ बताती है कि अब एक लिमिट आ गई हैखेत की; उससे ज्यादा उत्पादन वो दे नहीं सकता और मिट्टी पूरी तरह से बेकार हो गई है, मिट्टी पूरी तरह से बंजर हो रही है, खेत पूरी तरह से बंजर हो रहा है। और आप जानते हैं कि रासायनिक खाद का सबसे बड़ा दुरुपयोग होता है। रासायनिक खाद की बर्बादी की जो निशानी है वो यह है कि जितना ज्यादा से ज्यादा रासायनिक खाद आप डालेगें उतना ही खेत को पानी की ज्यादा से ज्यादा जरुरत पड़ती है। और जितनी ज्यादा से ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है उतनी ही खेती लगातार मंहगी होती चली जाती है। जितना ज्यादा से ज्यादा रासायनिक खाद डालेगें खेत में-उतना ही आपके गेहूँ में, चावल में, तुवर की दाल में, आपकी दूसरी चीजों में लगातार तत्व कम होता चला जाता है। रासायनिक खाद से बनाई गयी खेती और पैदा किया गया अनाज खाने में जैसे भूसे जैसा होता है, उसमें तत्व बहुत कम होता है। खेती का उत्पादनजरुर बढ़ता है,लेकिन क्वालिटी लगातार गिरती चली जाती है। और अनाज की क्वालिटी अगर लगातार गिरती चली जाती है तो जो अनाज हम खा रहे हैं, हमारे शरीर पर भी उसका दुष्प्रभाव पड़ता है। और रासायनिक खाद और रासायनिक स्वदेशी कृषि

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