Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 43
________________ इसका मतलब क्या है। इसका मतलब यह है कि इस गैट करार में जो कुछ लिखा गया है। उसपर आप कुछ भी आपत्ति नहीं कर सकते। और अगर आप कुछ भी आपत्ति करना चाहें तो उतनी ही आपत्ति कर सकते हैं जो इसमें लिखा गया है। इसको समझिए नाक को ऐसे पकड़ा जाये या ऐसे घुमाके पकड़ा जाये। यह गैट करार की भाषा कुछ इसी तरह की है। पहले कह दिया कि इस गैट करार में जो कुछ भी लिखा गया है। आप उसपर कुछ भी आपत्ति नहीं कर सकते। फिर दूसरे लाईन में यह कह दिया गया कि अगर आप आपत्ति करना चाहें तो कर सकते हैं। लेकिन उतनी ही जितना इसमें लिखा हुआ है। माने इसके लिखे हुए के बाहर आप आपत्ति नहीं कर सकते। आपको लगता हैं कि इसमे खेती और किसानों के बारे में जो कुछ भी कहा गया है वो बहुत ही आपत्तिजनक है। वो बहुत ही खराब है। उससे बहुत ही बर्बादी होने वाली है देश की। और इसको निकाल दिया जाए तो आप यह नहीं कर सकते। यह इसका मतलब है। इसी अध्याय का पॅराग्राफ नम्बर 4, वो क्या कहता है। वो इससे भी ज्यादा खतरनाक बात कहता है। वो कहता है- Each Member shall be ensure the conformity of its Laws, Regulations and Adminstrative Procedure with its obligation as provided in this agreement माने हर देश को अपने कानून इस गैट करार में लिखे गए नियमों के आधार पर ही बनाने होंगे। माने अगर किसी देश में कोई ऐसा कानून हैजो गैट करार के नियम का विरोधी है तो आपको अपना कानून बदलना पड़ेगा। गैट करार को कानूनन लागू करवाना पड़ेगा। यह दो बाते ही सिद्ध करती हैं कि यह कितना खतरनाक ऍग्रीमेन्ट है। एक तरफ तो पूरी दुनिया में यह चर्चा चलाई जाती है अमेरिका और यूरोप की तरफ से कि हम बहुत डेमोक्रेटिक देश हैं। बहुत प्रजातांत्रिक देश हैं। और दूसरी तरफ इतनी भी छुट नहीं देते कि इसमें लिखे गये नियम पर किसी तरह की आपत्ति की जाए। या उसको बदलवाने की बात की जाए। इतनी भी छुट नहीं। तो इससे होगा क्या कि हमारे देश में बहुत सारे कानून हैं, बहुत सारे नियम है और गैट करार में अपने लिखे हुए अलग-अलग नियम हैं। वो सारे नियम बदल दिए जायेंगे। जो हमारे देश में है। और गैट करार के विरोधी हैं। ____ अब तक हमारे देश में क्या होता था। कोई गैट करार हो या कोई दूसरा करार हो, देश के अन्दर बनाया गया कोई भी नियम और कानून नहीं बदला जायेगा। अब तक हमारे देश में यह व्यवस्था थी। लेकिन गैट करार लागू होने के बाद व्यवस्था बिलकुल उल्टी हो गई है। अब हमारे देश में कोई कानून और नियम जो पहले से बनाया गया हो। वो गैट करार विरोधी हो तो वो नियम बदलना पड़ेगा हमको। वो कानून बदलना पड़ेगा। माने अब इस देश का कानून हमारी संसद में नहीं बनेगा। स्वदेशी कृषि ४२ ...............

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