Book Title: Fool aur Parag
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 30
________________ । मृत्यु के पश्चात् जोधपुर नरेश जसवन्तसिंह जो बड़े शौकीन प्रकृति के थे। उनका रहन-सहन,खान-पान ठाट-बाट सभी निराला, अद्भुत और आकर्षक था। उनके नित्य-नवीन डिजायनों से युक्त चमचमाते हुए बहुमूल्य वस्त्रों को देखकर दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रहता। जोधपुर राज्य में ही नहीं, अन्य राज्यों में भी उनकी साज-सज्जा की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए लोग अघाते नहीं थे। एकदिन राजा जसवन्तसिंह जीके मन में अनोखा विचार आया कि “इस समय तो मैं बढ़िया से बढ़िया पोशाक पहनता हूँ, पर मरने के बाद मुझे कैसी पोशाक पहनाई जायेगी, वह सुन्दर होगी या खराब ! क्यों न मैं अपने सामने ही मृत्यु की मनपसन्द पोशाक तैयार करवाएं।" राजा ने लाखों रुपए खर्च कर मनपसन्द पोशाक तैयार करवाई। जब वह पोशाक तैयार हुई तो राजा उसको सुन्दरता को देखकर झूम उठा । अन्य व्यक्ति भी बिना प्रशंसा किये न रह सके । पोशाक की सुन्दरता को देखकर राजा के मन में यह विचार कौंध उठा "क्या . १७ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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