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बुद्धि का चमत्कार
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उसी के बाहर उन सभीको बिठाया जाय । कुछ समय तक यह नाटक करने के पश्चात् राजकुमार के निधन के समाचार प्रसारित किये जायें जिससे लोगों को मालूम हो जायेगा कि राजकुमार बीमार होकर मरा है । राजा को अनिल की बात जच गई। वैसा ही किया गया । प्रजा को यह विश्वास हो गया कि प्रदीप राजकुमार अपनी मौत से ही मरा है ।
राजा अनिल की बुद्धिमानी पर प्रसन्न हुआ । दो लाख की थैली भेंट कर उसे अपना प्रधानमन्त्री बना दिया । अब तो अनिल के घर में आनन्द की बंशी बजने लगी ।
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