Book Title: Fool aur Parag
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 114
________________ आदमी की पहचान १०१ तुमने मुझे योगीश्वर कहा--बिना राजा के इतनी उच्च भाषा का प्रयोग दूसरा नहीं कर सकता, इसीलिए मैंने तुम्हारे को राजन् ! कहकर सम्बोधित किया है। राजा को योगो की बात पूर्ण रूप से सही ज्ञात हुई। वह योगी के चरणों में गिर गया। आज उसे जीवन का नया अनुभव प्राप्त हुआ था। Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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