Book Title: Fool aur Parag Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 41
________________ बड़ी कौन ? महाराजा अजितसिंह की राजसभा में एक से एक महान् दार्शनिक, विचारक, व विद्वान् व्यक्ति थे, जो समय-समय पर दर्शन की गुरु गंभीर ग्रन्थियों को सुल झाते थे। धार्मिक, व सामाजिक विषयों पर मार्मिक विवेचन करते थे। लोग विद्वानों की चर्चाओं को बड़े ध्यान से सुनते थे। एकदिन राजसभा में प्रश्न उपस्थित हआ "लक्ष्मी बड़ी है या सरस्वती ?" एक पण्डित ने लक्ष्मी का महत्त्व सिद्ध करते हुए कहा--"लक्ष्मी का गौरव किसी से छिपा नहीं है । जिसके पास धन है, वही महान् है, वही बुद्धिमान है जिसके पास धन का अभाव है,यदि वह बुद्धिमान भी है तो लोग उसे बुद्ध समझते हैं। आज तक जितनी भी समस्याएं उपस्थित हुई हैं उनका समाधान धन ने ही किया है।" दूसरे पण्डित ने पूर्व पण्डित के तर्कों का खण्डन करते हुए कहा-"धन का महत्त्व अल्पज्ञ के लिए है, मर्मज्ञ के लिए नहीं । इस विश्व में ज्ञान के समान कोई भी २८ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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