Book Title: Dipmala Aur Bhagwan Mahavir
Author(s): Gyanmuni
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 60
________________ की ओर इंगित करती है, उस घटना की स्मृति का दिवस राष्ट्रिय पर्व का गौरव पाता है । उपसंहार भगवान महावीर इस देश के अद्वितीय महापुरुष थे। उनका समग्र जीवन अहिंसा, सत्य, संयम और तप का जाज्वल्यमान प्रतीक था। उन्होंने अपने आदर्श जीवन-व्यवहार और उपदेश के द्वारा देश की विविध भ्रांतिपूर्ण धारणाओं का निर्मूलन किया । देश को आचार और विचार के क्षेत्र में बहुमूल्य देन दी, जिसके आधार पर आज अढाई हजार वर्षों के बाद भी यह देश अभिमान करता है । उन्हीं के द्वारा प्रतिपादित अहिंसा का अनुकरण करके यह देश सारे विश्व में गौरव का पात्र बन रहा है । वह राष्ट्र की असाधारण विश्वभूति हैं, उनके जीवन और उपदेशों ने राष्ट्र के निर्माण में बहुमूल्य योग प्रदान किया है । ऐसी स्थिति में भगवान महावीर का निर्वाणदिवस यदि राष्ट्रिय पर्व न माना जाय तो फिर राष्ट्रिय पर्व क्या होगा? आशा है इस स्पष्टीकरण से पाठक भली-भाँति समझ सकेंगे कि दीपमाला पर्व आध्यात्मिक होने के साथ ही साथ एक महान् राष्ट्रिय पर्व भी है । जो समग्र राष्ट्र को आध्यात्मिकता, अहिंसा, सत्य, प्रामाणिकता, अनेकान्त दृष्टि श्रादि सात्त्विक भावनाओं की स्मृति दिलाता है और राष्ट्र को जीवन के परम सत्य की ओर ले जाने की पवित्र प्रेरणा करता है। :

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