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धवला पुस्तक 13
235 षट्काय जीवों का आकार मसुरिय-कुसग्ग-बिंदू सूइकलाओ पदाय संठाणा। पुढविदगागाणि-वाऊहरिद-तसा प्रेयसंठाणा।।25।।
पृथिवीकाय का आकार मसूर के समान होता है, जलकाय का आकार कुशाग्रबिन्दु के समान होता है, अग्निकाय का आकार सूचीकलाप के समान होता है तथा वायु का आकार ध्वजपट के समान होता है। हरितकाय तथा त्रसकाय अनेक आकार वाले होते हैं।।25।।
इन्द्रियों के आकार जवणालिया मसूरी अदिमुत्तय-चंडगे खुरप्पे य। इंदियसंठाणा खलु पासं तु अणेयसंठाणं ।।26।।
श्रोत्र, चक्षु, नासिका और जिह्वा इन इन्द्रियों का आकार क्रमशः यवनाली, मसूर, अतिमुक्तक फूल और अर्धचंद्र या खुरपा के समान है तथा स्पर्शन इंद्रिय अनेक आकार वाली है।।26।।
मुहूर्त का परिमाण तिण्णि सहस्सा सत्त य सयाणि तेवत्तरिं च उस्सासा। एसो हवदि मुहुत्तो सव्वेसिं चेव मणुयाणं।।27।।
सब मनुष्यों के तीन हजार सात सौ तिहत्तर (3773) उच्छ्वासों का एक मुहूर्त होता है।।27।।
पूर्व का परिमाण पुव्वस्स दु परिमाणं सदर खलु कोडिसयसहस्साई। छप्पण्णं च सहस्सा बोद्धव्वा वस्सकोडीणं ।।28।।
सत्तर लाख करोड और छप्पन हजार करोड वर्षप्रमाण पूर्व का परिमाण जानना चाहिए।।28।।