Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 272
________________ गाथानुक्रमणिका इच्छहिदायामेण य इच्छिदणिसेय भत्तो इच्छं विरलिय (दु) गुणियं इट्ठसलागाखुत्तो इत्थि - णउंसयवेदा इम्मिस्से वसप्पिणीए इमिसे वसप्पिणीए इह जाहि वाहिया विय इंगाल - जाल - अच्ची इदियमणोहिणा वा उगुदाल तीस सत्त य उच्चारदम्म दुपदे उच्चारियमत्थपदं उच्चुच्च उच्च तह उच्छ्वासानां सहस्राणि उज्जुसुदस्स दु वयणं जुकूलनदीतीरे उणतीसजोयणसया उणतीसजोयणसया उणसट्ठिजोयणसया उणसट्ठिजोयणसया उत्तरगुणिदं इच्छं उत्तरगुणिदं इच्छं उत्तरदलहयगच्छे उदए संकम-उदए उदए संकम-उदए उदए संकम-उदए 11/10 2/6 15/14 7/4 17/8 25/9 55/1 223/2 151/1 230/2 उ 3/16 1/13 3/1 10/7 10/4 3/7 33/9 49/9 5/13 50/9 6/13 26/10 16/14 44/3 18/6 87/9 4/15 267 196 128 242 106 158 169 22 71 49 73 256 212 4 143 110 144 170 174 230 174 230 199 242 89 134 182 254

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